गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के प्रसिद्ध दूधेश्वरनाथ नाथ मंदिर में अब प्रसाद के रूप में बाजार से लाई गई मिठाई चढ़ाने पर रोक लगा दी गई है. इसके अलावा चौपला वाले बजरंगबली मंदिर में भी अब बाजार से खरीदे लड्डू नहीं चढ़ाए जाएंगे. मंदिर के महंत और पंचदशनाम जूना अखाड़े के प्रवक्ता नारायण गिरि ने एक नया निर्देश जारी किया है, जिसमें भक्तों से कहा गया है कि केवल फल, नारियल, चना, गुड़ और धागे वाली मिश्री को ही भोग के रूप में अर्पित किया जाएगा. इस निर्णय के पीछे तिरुपति लड्डू विवाद को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया गया है.
भक्तों से विशेष अपील
महंत नारायण गिरि ने भक्तों से आग्रह किया है कि भगवान शिव और हनुमान जी को अब किसी प्रकार की मिलावटी मिठाई नहीं चढ़ाई जाएगी. उन्होंने कहा कि तिरुपति लड्डू मामले के चलते यह आशंका बनी रहती है कि बाजार की मिठाई शुद्ध नहीं हो सकती. इसलिए, भक्तों से अनुरोध किया गया है कि वे अब बाजार से मिठाई न लाएं. इसके बदले, भक्तों को फल, धागे वाली मिश्री, नारियल या घर में बने शुद्ध प्रसाद का उपयोग करने का सुझाव दिया गया है.
शुद्ध और पवित्र तरीके से घर पर बने प्रसाद को अर्पित करें
महंत नारायण गिरि ने बताया कि भक्त यदि शुद्ध और पवित्र तरीके से घर पर बने प्रसाद को अर्पित करना चाहें तो कर सकते हैं. यदि ऐसा करना संभव नहीं है, तो भक्त बाजार से फल, फूल, नारियल, या धागे वाली मिश्री लाकर दोनों मंदिरों में भोग अर्पित कर सकते हैं. यह सुनिश्चित किया गया है कि इस व्यवस्था को मंदिर में कड़ाई से लागू किया जाएगा, ताकि भगवान के भोग में कोई अशुद्धि न हो.
तिरुपति लड्डू विवाद की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि तिरुपति लड्डू विवाद काफी सुर्खियों में है. कुछ समय पहले खबर आई थी कि तिरुपति मंदिर में चर्बी से बने घी का उपयोग लड्डू बनाने में हो रहा था. इस घटना ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है. वहीं इस घटना के प्रकाश के आने के बाद बाजार के बने प्रसाद पर अधिकतर मंदिरों ने ऐतराज जताया है.