लखनऊ: इन दिनों खाद्य पदार्थों में मानव मूत्र मिलने और थूकने के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. जिसको लेकर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सीएम योगी ने खाद्य पदार्थों में अपशिष्ट मिलाने वाली घटनाओं को गंभीरता से लिया है. जिसके बाद उन्होंने होटल, रेस्तराँ, ढाबों पर उनके संचालकों का नाम और पता लिखने के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे भी लगवाने के निर्देश जारी किए हैं. इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने पलटवार किया है.
मायावती ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा कि यूपी सरकार द्वारा होटल, रेस्तराँ, ढाबों आदि में मालिक, मैनेजर का नाम, पता के साथ ही कैमरा लगाना अनिवार्य करने की घोषणा, कावंड़ यात्रा के दौरान की ऐसी कार्रवाई की तरह ही है, फिर से काफी चर्चाओं में कि यह सब खाद्य सुरक्षा हेतु कम व जनता का ध्यान बांटने की चुनावी राजनीति ज्यादा है.
मायावती ने आगे लिखा कि वैसे तो खासकर खाद्य पदार्थों में मिलावट आदि को लेकर पहले से ही काफी सख्त कानून मौजूद हैं, फिर भी सरकारी लापरवाही/मिलीभगत से मिलावट का बाजार हर तरफ गर्म है, किन्तु अब दुकानों पर लोगों के नाम जबरदस्ती लिखवा देने आदि से क्या मिलावट का कालाधंधा खत्म हो जाएगा?
बसपा सुप्रीमो ने लिखा कि वैसे भी तिरुपति मन्दिर में ’प्रसादम’ के लड्डू में चर्बी की मिलावट की खबरों ने देश भर में लोगों को काफी दुखी व उद्वलित कर रखा है और जिसको लेकर भी राजनीति जारी है. धर्म की आड़ में राजनीति के बाद अब लोगों की आस्था से ऐसे घृणित खिलवाड़ का असली दोषी कौन? यह चिन्तन जरूरी.