बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक वहशी बेटे ने अपनी ही 58 वर्षीय विधवा मां के साथ दुष्कर्म किया. कोर्ट ने आरोपी आबिद को इस जघन्य अपराध के लिए दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह घटना 16 जनवरी 2023 को घटित हुई थी, जब दरिंदे ने अपनी ही मां की अस्मत लूट ली. हवसी ने जंगल में चारा लाते समय माँ को हवस का शिकार बनाया.
पति की मृत्यु के बाद बेटा आबिद चाहता था कि वह उसकी पत्नी की तरह रहे – पीड़ित माँ
मामला बुलंदशहर के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र का है, जहां विधवा महिला अपने छोटे बेटे को घटना की जानकारी देने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. पीड़िता ने कोर्ट में बताया कि पति की मृत्यु के बाद बेटा आबिद चाहता था कि वह उसकी पत्नी की तरह रहे, लेकिन उसके बार-बार समझाने के बावजूद उसने इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया.
आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत होने के बाद कोर्ट ने सुनाई सजा
इस मामले की सुनवाई करते हुए बुलंदशहर की फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज वरुण निगम ने आरोपी को दोषी मानते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई. सरकारी वकील विजय कुमार ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट और पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपी के खिलाफ सभी सबूत पुख्ता थे, जिससे उसे दोषी करार दिया गया.
ऑपरेशन कन्विक्शन के त्वरित न्याय की कार्रवाई
रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़ित माँ ने बेटे आबिद को करीब 10 बार “दरिंदा” कहा. पीड़िता की गवाही और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर बुलंदशहर के एसपी देहात रोहित मिश्रा ने जानकारी दी कि “ऑपरेशन कनविक्शन” के तहत इस मामले में त्वरित न्याय दिलाया गया है. कोर्ट ने इस मामले में त्वरित न्याय करते हुए केवल 19 महीने में फैसला सुनाया, जो न्यायपालिका की प्रभावशीलता का एक बेहतरीन उदाहरण है.
एसएसपी श्लोक कुमार ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत राज्य भर में सर्वाधिक सजा बुलंदशहर में सुनाई गई है, जिसमें फांसी से लेकर उम्रकैद तक की सजा शामिल है. इस फैसले से समाज में एक मजबूत संदेश गया है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे अपराधियों में कानून का डर बढ़ेगा.