नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चर्चित कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्या मामले में उम्रकैद की सजा पाए अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की समय पूर्व रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और दोषियों को नोटिस जारी किया है। ये आदेश सुप्रीम कोर्ट मधुमिता की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर जारी किया है, जिसमें उन्होंने दोषियों की रिहाई को चुनौती दी है।
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर चार हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इससे पहले, 25 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन कहा था कि अगर याचिकाकर्ता की बातों में दम पाया गया, तो दोषियों को दोबारा जेल भेजा जा सकता है।
अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी और उन्होंने लगभग 16 साल की सजा काट ली थी। बसपा सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी को साल 2003 में हुई कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या का दोषी पाया गया था। जेल में अच्छे आचरण की वजह से उनकी समय से पहले रिहाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनकी बाकी की सजा को माफ कर दिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद फिर से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।