नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए बड़ा आदेश दिया है. शीर्ष अदालत ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी वीडियो देखना और डाउनलोड करना सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम व पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध माना है. दरअसल, मद्रास हाई कोर्ट ने कुछ दिनों पहले एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा था कि बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री देखना पॉक्सो और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत अपराध नहीं है.
Supreme Court says that mere storage of child pornographic material is an offence under the Protection of Children from Sexual Offences Act (POCSO Act).
Supreme Court suggests Parliament to bring a law amending the POCSO Act to replace the term “child pornography” with “Child… pic.twitter.com/mNwDXX88fb
— ANI (@ANI) September 23, 2024
भारत के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ व जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को पलटते हुए आदेश दिया कि बच्चों से जुड़े अश्लील वीडियो देखना और डाउनलोड करना POCSO एक्ट के तहत अपराध है. साथ ही अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने संसद को सुझाव दिया है कि POCSO अधिनियम में संशोधन किया जाए.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि POCSO अधिनियम ने लिखे ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी’ शब्द के स्थान पर ‘बाल यौन शोषण और अपमानजनक सामग्री’ किया जाना चाहिए. शीर्ष अदालत ने कहा कि संसद में संशोधन बिल लाने से पहले केंद्र सरकार इस पर अध्यादेश ला सकती है. साथ ही शीर्ष अदालत ने देश की सभी अदालतों को निर्देश दिए हैं कि ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफ़’ का प्रयोग न किया जाए.