लखनऊ: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवर की चर्बी पाए जाने के मामले का असर अब उत्तर प्रदेश के मंदिरों पर भी दिखाई देने लगा है। इसी क्रम में लखनऊ के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर प्रशासन ने एक अहम फैसला लेते हुए बाजार से खरीदे गए प्रसाद को मंदिर में चढ़ाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। मंदिर के महंत देव्यागिरी ने साफ तौर पर कहा है कि मंदिर में अब केवल घर का बना प्रसाद या सूखे मेवे ही चढ़ाए जा सकेंगे। तिरुपति में हुए घटनाक्रम के बाद यह निर्णय लिया गया है ताकि मंदिर में शुद्ध प्रसाद ही भक्तों द्वारा भोग स्वरूप अर्पित किया जाए।
#WATCH उत्तर प्रदेश: लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर ने तिरुपति प्रसादम विवाद के मद्देनजर बाजार से खरीदा गया प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। pic.twitter.com/BQzq1AF2fA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 23, 2024
महंत का आदेश के बाद गर्भगृह के लिए विशेष नियम
रविवार को महंत देव्यागिरी द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि तिरुपति बालाजी मंदिर में हाल ही में हुई घटना के कारण लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बाजार से लाए गए प्रसाद को प्रतिबंधित किया जा रहा है। अब भक्तों को गर्भगृह में सूखे मेवे (ड्राई फ्रूट्स) या फिर घर पर बना प्रसाद ही भोग स्वरूप चढ़ाने की अनुमति होगी। महंत ने यह भी साफ किया है कि मंदिर में केवल शुद्ध और सात्विक प्रसाद ही स्वीकार किया जाएगा ताकि भक्तों और मंदिर की पवित्रता बनी रहे। कहा जा रहा है कि लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में उठाए गए इस कदम के बाद प्रदेश के तमाम मंदिरों में यह व्यवस्था लागू हो सकती है।
मथुरा में प्रसाद की दुकानों पर जांच
बता दें, तिरुपति बालाजी मंदिर की घटना के बाद, उत्तर प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। मथुरा में खाद्य और औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग ने दुकानों पर मिलने वाले प्रसाद की जांच शुरू कर दी है। विभाग ने पिछले 48 घंटों के भीतर अलग-अलग धार्मिक स्थलों से 13 प्रसाद के नमूने एकत्र किए हैं और उन्हें प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा है। सहायक आयुक्त धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि प्रसाद में मिलावट की संभावनाओं को देखते हुए श्रीकृष्ण जन्मभूमि, वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर, और गोवर्धन के दानघाटी मंदिर के बाहर स्थित दुकानों से प्रसाद के नमूने लिए गए।
#WATCH | Lucknow, Uttar Pradesh | Mahant Divya Giri says, “We have taken an initiative in view of the Tirupati Prasadam row. There is always some adulteration in the food products. We have banned the prasad bought from outside in the ‘Garbh Grih’. We have requested the devotees… https://t.co/xtW7ucDail pic.twitter.com/Ia2xiU7n5J
— ANI (@ANI) September 23, 2024
भक्तों की सुरक्षा और आस्था बनी प्राथमिकता
तिरुपति बालाजी मंदिर की घटना के बाद से पूरे देश में मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को लेकर कड़ी निगरानी शुरू हो गई है। लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर का यह निर्णय इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मंदिर प्रशासन का मानना है कि भक्तों की आस्था और मंदिर की पवित्रता को बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए और इसीलिए प्रसाद की शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।