उन्नाव: सुल्तानपुर के भारत ज्वेलर्स की दुकान में हुई डकैती के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव के अचलगंज क्षेत्र में बुधवार तड़के लखनऊ STF टीम और उन्नाव पुलिस की संयुक्त टीम ने मुठभेड़ में एक लाख रुपये के इनामी बदमाश अनुज प्रताप सिंह को मार गिराया। यह मुठभेड़ तड़के करीब चार बजे कोलुहागाड़ा इलाके के पास हुई, जिसमें गोली लगने से अनुज की मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि, उसका एक साथी मौके से बाइक से कूदकर भागने में सफल रहा।
पुलिस के मुताबिक आरोपी अनुज प्रताप सिंह ने मुठभेड़ के दौरान STF के एक सिपाही पर फायरिंग की। आरोपी की गोली हेड कांस्टेबल रवि वर्मा की बुलेट प्रूफ जैकेट में लगी, जिससे वह बाल-बाल बच गए।
कैसे हुआ एनकाउंटर?
स्पेशल टास्क फोर्स (STF) लखनऊ टीम के साथ मुठभेड़ के दौरान जवाबी गोलीबारी में अनुज प्रताप सिंह घायल हो गया। मुठभेड़ की सूचना मिलते ही एसपी दीपक भूकर, एएसपी अखिलेश सिंह और सीओ ऋषिकांत शुक्ल मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मुठभेड़ के पूरे इलाके को सील कर दिया है। उसे तुरंत 108 एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने बताया कि अनुज प्रताप सिंह पर एक लाख रुपये का इनाम था। मुठभेड़ के दौरान उसके पास से 02 पिस्टल 32 बोर, 07 खोखा कारतूस, 03 जिंदा कारतूस (जिसमें 01 कारतूस चैम्बर और 02 कारतूस मैगजीन में थे) और एक बैग बरामद हुआ, जिसमें लगभग 4 किलोग्राम चांदी और एक पिस्टल भी थी। मौके पर जिला फील्ड यूनिट और अचलगंज पुलिस ने आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
लूट का सामान बरामद
हाल ही में पुलिस टीम ने डकैती से संबंधित मामले में लूट का सामान बरामद कर लिया था। मास्टरमाइंड की निशानदेही पर 4 इनामी बदमाशों को दबोचा था, जिनसे सवा दो किलो सोना, 20 किलो चांदी और कैश जब्त किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में विवेक सिंह, दुर्गेश सिंह, अरविंद यादव और विनय शुक्ला शामिल हैं। इनके पास से लूट का सारा सामान बरामद कर लिया गया, जिसमें गहने और कैश भी शामिल थे। मास्टरमाइंड विपिन सिंह ने वारदात के अगले ही दिन सरेंडर कर दिया था, जिससे इस डकैती का पूरा राजफाश हो गया।
मंगेश यादव एनकाउंटर पर विवाद
इससे पहले, सुल्तानपुर के ठठेरी बाजार में लूटपाट के आरोपी मंगेश यादव का एनकाउंटर भी हुआ था, जिस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल उठाए थे। अखिलेश ने आरोप लगाया था कि मंगेश को उसकी जाति के आधार पर निशाना बनाया गया और यह एनकाउंटर फर्जी था। उन्होंने आरोप लगाया था कि मंगेश को जानबूझकर बंदूक सटाकर गोली मारी गई थी, जिससे एनकाउंटर की वैधता पर सवाल उठे थे।