लखनऊ: उत्तर प्रदेश के भदोही के पूर्व सांसद और सपा नेता रमेश चंद बिंद पर सरकारी जमीन पर जबरन कब्जा करने और आलीशान मकान बनवाने का आरोप लगा है। इस मकान में ही 100 बेड का मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल भी चल रहा है। जमीन विवाद के चलते डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को शिकायत मिलने के बाद राजस्व विभाग की टीम ने गुरुवार को मौके पर पहुंचकर जमीन की नापी की है। जिसके बाद मिर्जापुर के बरौंधा कचार स्थित पूर्व सांसद की कोठी चर्चा में है।
शिकायत के बाद मचा हड़कंप
बरकछा कला गांव के निवासी त्रिभुवन नाथ ने डिप्टी सीएम को शिकायत पत्र सौंपा था, जिसमें उन्होंने पूर्व सांसद रमेश चंद बिंद पर कटरा थाना क्षेत्र की जमीन पर जबरन कब्जा कर पीली कोठी बनाने का आरोप लगाया। शिकायत के मुताबिक, 2007 में एक जमीन का बैनामा कराया गया था, लेकिन पूर्व सांसद ने उसी आराजी नंबर में अपनी पत्नी समुद्रा देवी के नाम पर भी बैनामा करा लिया और अधिक जमीन पर कब्जा कर लिया।
बसपा सरकार में विधायक रहते हुए की जमीन कब्जा?
त्रिभुवन नाथ का आरोप है कि रमेश चंद बिंद ने बसपा सरकार में विधायक रहते हुए अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर रजिस्ट्री से ज्यादा जमीन पर कब्जा किया। इस विवाद के चलते पीड़ित ने कोर्ट का सहारा लिया, जहां 2008 में न्यायालय ने पूर्व सांसद को कब्जा न करने का आदेश दिया। बावजूद इसके, रमेश चंद बिंद ने पूरी जमीन पर मकान बनवा लिया, जहां अब एक बड़ा अस्पताल संचालित हो रहा है।
राजस्व विभाग ने की जमीन की नापी
डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने शिकायत का संज्ञान लिया और उनके निर्देश पर सदर तहसील के तहसीलदार हेमंत कुमार बिंद की अगुवाई में 6 सदस्यीय टीम ने जमीन की नापी की। नायब तहसीलदार पहाड़ी राहुल मिश्रा, राजस्व निरीक्षक शहर मंगला सिंह, चार लेखपाल संतोष सरोज, घनश्याम कौशल, अंकेश श्रीवास्तव और धीरज पाठक की टीम ने मौके पर पहुंचकर जमीन की सटीक माप की। टीम ने कहा कि रिपोर्ट जल्द ही उच्च अधिकारियों को सौंप दी जाएगी, जिसके बाद प्रशासनिक कार्रवाई पर फैसला होगा।
पूर्व सांसद ने लगाया राजनीतिक साजिश का आरोप
पूर्व सांसद रमेश चंद बिंद ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे बीजेपी की राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के मद्देनजर उनपर दबाव बनाया जा रहा है और यह कार्रवाई उनके खिलाफ राजनीतिक रंजिश के तहत की जा रही है।
अब सवाल यह है कि क्या इस विवादित जमीन और अस्पताल पर प्रशासन की तरफ से कोई कड़ी कार्रवाई होगी? क्या बुलडोजर चलेगा या फिर यह विवाद सिर्फ राजनीतिक रस्साकशी बनकर रह जाएगा? अब इसपर प्रशासनिक जांच और रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
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