इस्लामाबाद: पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के देपालपुर ओकारा में मुसलमानों के अहमदिया समुदाय की एक 40 साल पुरानी मस्जिद की मीनारें पाकिस्तानी पुलिस की निगरानी में ध्वस्त कर दी गईं हैं। जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान (JAP) के प्रमुख आमिर महमूद ने बताया कि पुलिस की एक टीम ने मस्जिद पर छापा मारा और उनकी निगरानी में मीनारों को ढहा दिया, साथ ही वहां लिखे धार्मिक शब्दों को भी मिटा दिया। जबकि लाहौर हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि ऐसी संरचनाओं को क्षति पहुंचाने की जरूरत नहीं है। यह मस्जिद 1984 से पहले की है।
पाकिस्तान में मस्जिद की मीनारों को ढहाया
जमात-ए-अहमदिया प्रमुख आमिर महमूद ने कहा, एक DSP रैंक के पुलिस अधिकारी की निगरानी में देपालपुर थाने से पुलिस की दो गाड़ियां आईं और अहमदी मस्जिद पर छापेमारी करके इलाके की घेराबंदी कर दी। इसके बाद मीनारों को ढहा दिया गया। जबकि लाहौर हाई कोर्ट के जस्टिस तारिक सलीम शेख ने पिछले साल अपने फैसले में स्पष्ट किया था कि 1984 से पहले बनी अहमदी मस्जिदों की संरचनाओं में किसी तरह की छेड़छाड़ की आवश्यकता नहीं है।
ये मीनारें मुस्लिम मस्जिदों के समान इसलिए हटाया
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया समूहों से पाकिस्तान के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि, “हमें देपालपुर में अहमदिया मस्जिद की मीनारों के खिलाफ शिकायत मिली थी। हमने स्थानीय अहमदिया लोगों को बुलाया और उनसे मीनारों को गिराने के लिए कहा क्योंकि वे मुस्लिम मस्जिदों के समान हैं। उनके इनकार करने पर पुलिस ने उन्हें गिरा दिया।” आमिर महमूद ने बताया कि पिछले साल पाकिस्तान में अहमदिया लोगों की कम से कम 42 मस्जिदों पर हमला हुआ था।
पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय को मुसलमान नहीं माना जाता
अहमदिया इस्लाम का एक समुदाय है जो सुन्नी इस्लाम से संबंधित है। मुसलमान पकिस्तान के अहमदिया समुदाय को काफिर मानते हैं। अहमदी खुद को मुसलमान बताते हैं, लेकिन पाकिस्तान में उन्हें मुसलमान नहीं माना जाता है। यही नहीं पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय लंबे समय से लगातार हमलों का शिकार होता आ रहा है। समुदाय के लोगों का कहना है कि उनके प्रार्थना स्थलों और कब्रिस्तानों को योजनाबद्ध ढंग से निशाना बनाया जा रहा है। इन हमलों के अलावा, अहमदियों को अक्सर ईश निंदा के झूठे आरोपों में फंसाया जाता है, जिससे उनकी धार्मिक मान्यता को अपने ही देश में तार-तार किया जा रहा। इस उत्पीड़न के कारण कई अहमदी पाकिस्तान छोड़ने और अन्य देशों में शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।
शिया मुसलमानों पर हमला
इल्जाम है कि पाकिस्तान में इसी साल जुलाई में शिया मुसलमानों की लक्षित हत्याएं हुई। इसके खिलाफ भारत में भी विरोध देखने को मिला। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बड़े पैमाने पर शिया मुसलमानों ने विरोध प्रदर्शन किए थे। बताया जाता है कि पाकिस्तान के खैबर पखतूनख्वा में एक हफ्ते से ज्यादा वक्त तक दंगे चले जिसमें शिया मुसलमानों को लक्ष्य बनाकर हत्याएं की गई। लखनऊ में शिया मुसलमानों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए थे।
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