बरेली: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बरेली में दिए एक बयान में हिजाब को एक इस्लामी लिबास बताया है, जिसे मुस्लिम महिलाएं अपने आप को ढकने के लिए पहनती हैं। रिजवी ने कहा कि हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग करना ‘ज़हनी दिवालियापन’ है और यह विचारधारा समाज में नफ़रत फैलाने का काम कर रही है।
इस्लाम के अनुसार महिलाओं को पर्दे में रहने का आदेश – रिजवी
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि भारतीय संविधान हर व्यक्ति को यह अधिकार देता है कि वह अपनी मर्जी के अनुसार लिबास पहन सकता है और खाने-पीने के मामलों में भी उसे अपनी पसंद का चुनाव करने की आज़ादी है। रजवी ने कहा इस्लाम के अनुसार महिलाओं को पर्दे में रहने का आदेश है और हिजाब उसी धार्मिक आदेश का पालन है। हिजाब से कई समस्याओं को रोका जा सकता है और इसे लेकर अनावश्यक विवाद उत्पन्न करना अनुचित है।
उन्होंने इस तरह की मांगों को कट्टरपंथी सोच का हिस्सा बताया और कहा कि यह हेट स्पीच की श्रेणी में आता है, जिसका उद्देश्य समाज में नफ़रत फैलाना है।