सनातन संस्कृति में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश का मंत्रों द्वारा आह्वान करना हमारी परंपरा में शामिल है। निमंत्रण पत्रों पर सबसे ऊपर भगवान गणेश का चित्र और ‘श्री गणेशाय नम:’ लिखने की परंपरा भारत में प्रचलित है। भगवान गणेश को मंगलमूर्ति और बुद्धि का देवता माना जाता है। आजकल देश में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है। भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि यानी 7 सितंबर दिन शुक्रवार को गणेश चतुर्थी से प्रारंभ हुआ गणेश उत्सव 17 सितंबर अनंत चतुर्दशी तिथि को समाप्त होगा। वैसे तो गणेश उत्सव दक्षिण भारत के राज्य जैसे की महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु में विषेश रूप से मनाया जाता है। हालांकि, अब धीरे-धीरे उत्तर भारत में इसका प्रचलन बढ़ रहा है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस परंपरा का प्रारंभ समाज में व्याप्त छुआछूत, सामाजिक भेदभाव व सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए लोगों को एकजुट करने के लिए किया गया था।