लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार शाम एक दर्दनाक हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई। हादसा शहीद पथ स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के पास एक 3 मंजिला कांप्लेक्स गिरने के कारण हुआ। हादसे के बाद खुद CM योगी आदित्यनाथ रविवार को हादसे में घायल लोगों का हाल जानने लोकबंधु अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मरीजों से बातचीत कर घटना की जानकारी ली और इलाज की व्यवस्था का जायजा लिया। CM ने अस्पताल प्रशासन को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य निदेशक सुरेश कुमार ने बताया कि अन्य घायलों की हालत में सुधार होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है।
बगल के मकान में जलजमाव की समस्या रही है – स्थानीय लोग
बता दें, शनिवार शाम ट्रांसपोर्ट नगर में तीन मंजिला इमारत भरभराकर गिर गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के समय बारिश हो रही थी और कांप्लेक्स के सामने व बगल में पानी भरा हुआ था। लंबे समय से बगल के मकान में जलजमाव की समस्या रही है। पानी निकालने के लिए टुल्लू पंप का इस्तेमाल होता था, जो इस घटना का एक संभावित कारण हो सकता है।
जनपद लखनऊ, ध्वस्त बिल्डिंग में sdrf_up द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है जिसमें कैनाइन व हैलिंग सर्च के माध्यम से किसी भी व्यक्ति के दबे होने की स्थिति का पता लगाया जा रहा है। pic.twitter.com/FtomzeolqS
— SDRF UTTAR PRADESH (@sdrf_up) September 9, 2024
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना होते ही मलबे के भीतर से कई लोगों की चीखें और मदद की गुहारें सुनाई दे रही थीं। कुछ लोगों ने मिलकर दो लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था। इसके बाद भी कई लोगों की आवाजें सुनाई दे रही थीं, लेकिन मलबा अधिक होने के कारण सभी बेबस थे। मलबा बहुत ज्यादा और भारी होने की वजह से बाकी लोगों को बचाना मुश्किल हो गया।
हरमिलाप टावर में मोबिल, गिफ्ट और दवा का गोदाम था
हादसा जिस कॉम्प्लेक्स में हुआ वो आशियाना निवासी राकेश सिंघल का हरमिलाप (ग्राउंड प्लस 2) टावर था। टावर के ग्राउंड फ्लोर पर आशियाना निवासी मनजीत साहनी का मोबिल ऑयल और पहली मंजिल पर दवा का गोदाम था। दूसरी मंजिल पर मनचंदा का गिफ्ट सेंटर का गोदाम था। हरमिलाप टावर के मालिक पर ट्रांसपोर्ट नगर चौकी प्रभारी एमके सिंह की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है।
लखनऊ बिल्डिंग हादसा…माइक से आवाज लगाई- कोई अंदर तो नहीं: डिटेक्टिव डॉग से सर्चिंग; 8 मौत, 27 घायल;….. कई लोगों के अभी भी फसें होने की आसंका राहत और बचाओ दल और पुलिस की टीमें अभी भी जी जान से लगीं.. 🙏 @Uppolice @lkopolice आप सब लोग बहुत मेहनत कर रहें हैं 🙏❤️ pic.twitter.com/9AdiFqxtuw
— AKASH Prajapati (@AkashPN24) September 8, 2024
मनजीत साहनी की हिम्मत से बची कई जिंदगियां लेकिन खुद हादसे का शिकार हो गए
बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित अपने डिस्ट्रीब्यूशन स्टोर में काम कर रहे मनजीत सिंह साहनी ने सबसे पहले इमारत में दरारें देखीं और तुरंत सभी को सतर्क किया। पहली मंजिल पर मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूटर निखिल अग्रवाल ने बताया, “मनजीत सिंह ने हमें बिल्डिंग से बाहर निकल जाने के लिए कहा, उन्होंने सभी को चेताया कि बिल्डिंग में दरारें हैं और खतरा हो सकता है।” साहनी के इस साहसिक कदम से कई लोगों की जान बच गई, लेकिन वे खुद किसी कारण से वापस इमारत में चले गए और हादसे का शिकार हो गए।
अब तक करीब 32 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया
घटना के बाद से क्षेत्र में भगदड़ मच गई जिसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। पुलिस और राहत टीमों के द्वारा अब तक करीब 32 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया। घटना में मारे गए लोगों में कारोबारी मनजीत सिंह साहनी, पंकज तिवारी, धीरेंद्र गुप्ता, अरुण सोनकर, राजकिशोर, राकेश कुमार, जगरूप, और इंजीनियर रूद्र यादव शामिल हैं। घायलों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है, जिनमें से 3 की हालत गंभीर बनी हुई है।
400 जवानों की टीम ने संभाला मोर्चा
हादसे के बाद जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में करीब 400 जवानों ने मोर्चा संभाल रखा है। NDRF के डिप्टी कमांडेंट अनिल कुमार पाल ने बताया कि उनकी टीम के 90 जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं। इसके अलावा, SDRF के 30, पुलिस के 110 और दमकल विभाग के 70 जवान राहत और बचाव कार्य में तैनात हैं। सभी जवानों को शिफ्ट में तैनात किया गया है ताकि रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलता रहे।
मलबा हटाने के लिए भारी मशीनरी का उपयोग
मलबा हटाने के लिए एक पोकलेन और तीन JCB मशीनें लगाई गई हैं। नगर निगम की टीमें लगातार मलबा हटाने का काम कर रही हैं, और इसे एक जगह पर इकट्ठा किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि मलबे में बड़ी मात्रा में सामान फंसा हुआ है, जिसे सुरक्षित रखा जाएगा। बाद में इसकी पहचान करवाने के बाद संबंधित मालिकों को वापस किया जाएगा।
#UttarPradesh | In a tragic incident on Saturday, at least eight people lost their lives and 28 others were injured when a multistory building collapsed in Transport Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh.
Teams from #NDRF and State Disaster Response Force (SDRF), along with local police… pic.twitter.com/boyihOEJ4p
— PB-SHABD (@PBSHABD) September 8, 2024
खोजी कुत्तों की मदद से तीन बार मलबे की छानबीन की गई
घटनास्थल पर मलबे में दबे लोगों की तलाश में NDRF और SDRF की टीमें जुटी हुई हैं। खोजी कुत्तों की मदद से तीन बार मलबे की छानबीन की गई, हालांकि किसी के दबे होने के संकेत नहीं मिले। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लगातार घटनास्थल पर मौजूद हैं और स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
2010 में पास हुआ था भवन का नक्शा
वहीं, लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम ने भवन के नक्शे की जांच की, जिसमें पता चला कि 2010 में कुमकुम सिंघल के आवेदन पर नक्शा पास किया गया था और उसमें किसी प्रकार की खोदाई या बेसमेंट नहीं था।
🔶03 storied building collapsed at Sarojini Nagar, Lucknow (U.P)
🔶@11NDRF along with SDRF and civil administration conducting #SAR_Ops for trapped victims pic.twitter.com/Xt3CswdyGo— NDRF 🇮🇳 (@NDRFHQ) September 8, 2024
लोगों ने बताए बिल्डिंग गिरने के ये तीन कारण
वहीं बिल्डिंग गिरने का अभी तक कोई सही कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। स्थानीय लोगों का कहना है बिल्डिंग के आसपास पानी जमा रहता है। पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। एक नाली बनी है, वो भी चोक रहती है। दूसरा कारण बताया जा रहा है कि मेडिसिन का एक ट्रक सामन लेकर आया था, जो लोडिंग और अनलोडिंग के दौरान पिलर से टकराया, जिसकी वजह से बिल्डिंग कमजोर हो गई और ढह गई। वहीं, तीसरा कारण मानक के अनुरूप बिल्डिंग न बनना बताया जा रहा है।