कानपुर: अराजक तत्वों द्वारा देश में एक के बाद एक रेल हादसे को अंजाम देने के असफल प्रयास जारी हैं। ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर से फिर सामने आया है। यहाँ रविवार रात भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस अनवरगंज-कासगंज रेलवे लाइन पर बर्राजपुर और बिल्हौर के बीच ट्रैक पर रखे भरे हुए LPG सिलेंडर से टकरा गई। घटना के समय ट्रेन कानपुर से बर्राजपुर स्टेशन से केवल ढाई किलोमीटर ही आगे निकली थी। टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ, जिससे लोको पायलट ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया।
घटना स्थल के आस पास RPF ने जांच की तो झाड़ियों के बीच पुलिस को पेट्रोल से भरी बोतल, माचिस और एक संदिग्ध झोला मिला, जिसमें बारूद और माचिस रखे हुए थे। ट्रेन को घटनास्थल पर करीब 25 मिनट तक रोकने के बाद आगे बढ़ाया गया। वहीं, ट्रेन को बिल्हौर स्टेशन पर भी जांच के लिए रोका गया। वहीं, रेलवे पुलिस ने इस धमाके की बात से इनकार किया है, लेकिन ट्रैक पर लोहे जैसी वस्तु के रगड़ने के निशान पाए गए हैं।
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UP के कानपुर में देर रात कलंदी एक्सप्रेस पलटाने की साजिश की गई थी! 🚆
LPG सिलेंडर से टकराई ट्रेन और पेट्रोल से भरी बोतल मिली !
दोषियों को पकड़ कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि या दोबारा कोई ना कर सके!🙏🙏#TrainAccident #stockmarketcrash pic.twitter.com/idQz45Rudb— Kuldeep Rawat (@KuldeepRawat730) September 9, 2024
रेल ट्रेक पर मिले निशान साजिश की कर रहे पुष्टि
घटना की जानकारी मिलते ही अनवरगंज स्टेशन के रेलवे अधीक्षक, RPF और अन्य रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने रेलवे ट्रैक और आसपास की झाड़ियों की बारीकी से जांच की। मौके पर लोहे जैसी वस्तु के रगड़ने के निशान मिले, जो साजिश की पुष्टि करते हैं। RPF कन्नौज के इंस्पेक्टर ओपी मीणा ने बताया कि घटनास्थल के कैमरों की फुटेज के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस और एटीएस की टीमें जांच में जुटीं
वहीं इस घटना की साजिश की जांच के लिए पुलिस और एटीएस की टीमें जुट गई हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच के लिए पांच विशेष टीमों का गठन किया है।
पुलिस ने घटना के सिलसिले में दो हिस्ट्रीशीटरों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। जांच के दौरान मिठाई के डिब्बे में पेट्रोल और बारूद बरामद किए गए थे, साथ ही पास में माचिस भी मिली थी। इन सबूतों के आधार पर पुलिस जांच कर रही है कि सिलेंडर किसने और क्यों रखा था। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं साजिश में किसी बाहरी समूह या जमात का हाथ तो नहीं है। ADCP एलआईयू ने भी मामले की जांच के लिए एक टीम लगाई है। रेलवे और सुरक्षा एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि कहीं यह सुनियोजित हमला तो नहीं था।
इससे पहले साबरमती एक्सप्रेस और कासगंज-फर्रुखाबाद एक्सप्रेस को बनाया गया था निशाना
कानपुर में ट्रेनों को निशाना बनाने की यह पहली घटना नहीं है। 16 अगस्त को कानपुर-झांसी रूट पर साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे और इंजन पटरी से उतर गए थे। उस घटना को भी रेलवे ने साजिश के रूप में देखा था और मामले की जांच अभी भी चल रही है। इसके बाद 23 अगस्त की रात को फर्रुखाबाद में कासगंज-फर्रुखाबाद एक्सप्रेस के इंजन से लकड़ी का मोटा बोटा टकराया था। उस मामले में पकड़े गए 2 युवकों ने शराब के नशे में लकड़ी रखने की बात स्वीकार की थी।
जिसके बाद रेलवे प्रशासन और RPF ने मिलकर सुरक्षा बढ़ाने और भविष्य में ऐसी किसी भी साजिश को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया। ट्रेनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे अधिकारियों को अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
भविष्य में इस तरह के खतरनाक मंसूबों पर लगाम लगाने की जरूरत
इस तरह की लगातार हो रही घटनाओं के बाद सभी गंभीर रूप से चिंतित हैं। ये घटनाएं यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं। अब जरूरत है कि ऐसी साजिशों को जल्द से जल्द बेनकाब कर दोषियों को सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में इस तरह के खतरनाक मंसूबों पर लगाम लगाई जा सके।
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