भदोही: उत्तर प्रदेश के भदोही में एक दिव्यांग व्यक्ति का प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिला घर सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट के आदेश पर गिरा दिया गया था। अब इस मामले में शुक्रवार को भदोही की SC-ST कोर्ट के आदेश पर जिले के SDM, पूर्व तहसीलदार, नायब तहसीलदार समेत 12 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह घटना करीब एक साल पुरानी है जब जाठी गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान राजस्व और पुलिस टीम ने दिव्यांग रविशंकर का प्रधानमंत्री आवास गिरा दिया था।
पीड़ित रविशंकर ने इस अन्याय के खिलाफ कोर्ट में वाद दाखिल किया था। कोर्ट के निर्देश पर जमीन की नाप-जोख करवाई गई, जिससे स्पष्ट हुआ कि रविशंकर का आवास उसकी ही जमीन पर बना था और अतिक्रमण का आरोप गलत था। SC-ST कोर्ट ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर औराई के तत्कालीन SDM आकाश कुमार, तत्कालीन तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति, नायब तहसीलदार बलवंत उपाध्याय, राजस्व निरीक्षक बैकुंठनाथ, लेखपाल संतोष जायसवाल, पुलिस टीम में शामिल सब इन्स्पेक्टर धीरेंद्र यादव और सिपाहियों समेत 12 के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी बुलडोजर एक्शन पर सवाल उठाए थे, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि जब तक किसी का दोष सिद्ध नहीं हो जाता है, तब तक सरकार को बुलडोजर चलाने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने इस तरह के एक्शन को उचित प्रक्रिया और न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ बताया था। इस घटना ने प्रशासन की कार्यशैली और आम जनता के प्रति उसके रवैये पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिव्यांग रविशंकर को न्याय दिलाने के लिए कोर्ट का यह आदेश प्रशासनिक लापरवाही और संवेदनहीनता के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।