लखनऊ: आज शनिवार को देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रति वर्ष भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला गणेश चतुर्थी का पर्व…सनातन धर्मावलंबियों के लिए विशेष महत्व रखता है। वैसे तो गणेश चतुर्थी का पर्व दुनिया भर में हिंदू धर्म को मानने वाले लोग मनाते हैं। लेकिन, यह पर्व दक्षिण भारत खासकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में विशेष रूप से मनाया जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का प्राकट्य हुआ था। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश स्वयं पृथ्वी लोक पर आकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आज 7 सितंबर यानी शुक्रवार से गणेश चतुर्थी का उत्सव प्रारंभ हो रहा है। इस दिन भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना होगी। फिर लगातार 10 दिनों तक गणेश प्रतिमा का पूजन और भोग लगाने के बाद अनंत चतुर्दशी को विसर्जन किया जाएगा।
पूजन मुहूर्त
गणेश चतुर्थी 2024 के लिए पूजन व मूर्ति स्थापना का समय आज 7 सितंबर से सुबह 11:30 से लेकर दोपहर 1:34 तक है। ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि इस वर्ष मूर्ति स्थापना व गणेश चतुर्थी की पूजन का मुहूर्त 2 घंटे 31 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, गणेश चतुर्थी विशेष योग रहता है। इस दिन सभी शुभ योग रहने से कोई भी कार्य करने से सफलता, संपन्न और सिद्ध प्राप्त होती है।
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मूर्ति स्थापना करने से पूर्व तैयारी
भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने से पहले स्थान गंगा जल से धुलना चाहिए। साथ ही जिस चौकी पर बप्पा की मूर्ति की स्थापना करनी है उसे पवित्र कर लें और उस पर पीले या लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। गणपति बप्पा को विराजमान करते समय इस मंत्र का जाप करें।
अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च।
श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।।