नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भूषण स्टील लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक नीरज सिंघल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी है। नीरज सिंघल पर 46,000 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई की गई थी और इसी मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई थी।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने ये देखते हुए जमानत का आदेश दिया कि नीरज सिंघल पिछले 16 महीने से जेल में हैं और मामले की सुनवाई जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है। कोर्ट ने जमानत देते हुए निर्देश दिया कि सिंघल अपना पासपोर्ट जमा कराएं और बिना कोर्ट की अनुमति के देश नहीं छोड़ सकते। यदि जमानत की शर्तों का उल्लंघन होता है तो अभियोजन पक्ष जमानत रद्द कराने की याचिका दायर कर सकता है।
बता दें, नीरज सिंघल ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उनकी जमानत याचिका और ED द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी गई थी। ED ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि सिंघल सबसे बड़े बैंकिंग धोखाधड़ी में शामिल हैं। इसमें PMLA का अपराध शामिल है। जिससे 46,000 करोड़ रुपये से अधिक की सार्वजनिक धन की हानि हुई है।