नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के निवेशकों को रिफंड से जुड़े विवाद का ‘प्रैक्टिकल’ हल निकालने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने सहारा समूह से उसकी बंधक और गैर बंधक संपत्तियों की सूची, वर्तमान निदेशकों की सूची और संपत्तियों की बिक्री के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट ने मामले के सभी पक्षकारों से इन जानकारियों को शीघ्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है ताकि निवेशकों के रिफंड की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।
सहारा मामले में अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट बिस्वजीत भट्टाचार्य को तेज आवाज में बात करने पर फटकार भी लगाई। भट्टाचार्य ने कहा SEBI ने अवमानना की है। “मैं कोर्ट का अधिकारी हूं! माननीय जज मुझे सुने बिना केस डिसमिस नहीं कर सकते।”
इस पर सुप्रीम कोर्ट के जजों ने सख्त प्रतिक्रिया दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘कृपया शांत हो जाइए। अपना निर्णय स्वयं मत सुनाइए। हम केवल आप पर आरोप लगा रहे हैं। यदि आप नहीं सुनेंगे तो हम कैसे निर्णय लेंगे। संतुलित निर्णय लेना, तर्कपूर्ण होने से कहीं अधिक कठिन है, जहां आप केवल तस्वीर का एक ही पक्ष प्रस्तुत करते हैं।’ कोर्ट ने सहारा समूह से गुरुवार तक अपनी अचल, घरेलू और विदेशी संपत्तियों की बिक्री के लिए एक योजना उसके सामने पेश करने के लिए कहा है।
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