लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने 2.44 लाख राज्यकर्मियों का अगस्त महीने का वेतन रोकने का आदेश जारी करने के महज 16 घंटे बाद ही इसे वापस ले लिया है। राज्यकर्मियों को 31 अगस्त तक अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन ब्योरा न देने वाले कर्मचारियों के वेतन रोकने के आदेश पर अब पुनर्विचार करते हुए समयसीमा बढ़ा दी गई है।
सरकार ने अब कर्मचारियों को अपनी संपत्ति की जानकारी प्रस्तुत करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है। इस फैसले से राज्यकर्मियों को राहत मिली है, जिन्हें ब्योरा न देने के कारण वेतन रोकने की कार्रवाई का सामना करना पड़ा था।
सरकार की मंशा है कि सभी राज्यकर्मी अपनी संपत्तियों की जानकारी समय पर अपलोड करें, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और सरकारी कार्यप्रणाली में सुधार हो सके।
बता दें योगी सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए 2.44 लाख सरकारी कर्मचारियों के अगस्त माह के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया था। इन कर्मचारियों को 31 अगस्त तक अपनी संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर प्रस्तुत करने के निर्देश थे, लेकिन आदेश का पालन न करने पर वेतन रोकने की कार्रवाई की गई थी।
प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी विभागों के कर्मचारियों को निर्देश दिया था कि वे अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करें। हालांकि, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 8,46,640 राज्य कर्मचारियों में से सिर्फ 71 प्रतिशत यानी 6,02,075 कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी। सबसे ज्यादा लापरवाही शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने दिखाई, जबकि टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग के कर्मचारियों ने इस दिशा में बेहतरीन प्रदर्शन किया था।
बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने अपने ब्योरे दर्ज करने में हीलाहवाली की, जिसके चलते मुख्य सचिव ने सख्त कदम उठाते हुए उनकी सैलरी रोकने के निर्देश जारी कर दिए थे।
अबकर्मचारियों को अपनी संपत्ति की जानकारी प्रस्तुत करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है।