बीकानेर: देश भर में 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है। लोगों के बीच उत्साह देखा जा रहा है। प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी पर लोग अपने-अपने घरों में गणेश प्रतिमा स्थापित करते हैं। ऐसे में अबकी बार बाजार में देसी गाय के गोबर से बनीं गणेश प्रतिमाएं भी उपलब्ध हैं। जो पूर्णतय शुद्ध हैं। इन मूर्तियों को पर्यावरण को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इससे वातावरण में किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलता। पानी में विसर्जन करने के बाद गोबर को खाद के रूप में उपयोग भी किया जा सकता है।
गोधन मित्र संस्थान तैयार कर रही गणेश प्रतिमाएं
बीकानेर की गोधन मित्र संस्थान ने आमजन के लिए इन गणेश मूर्तियों को तैयार किया है। जो देसी गाय के गोबर से निर्मित है। यह मूर्तियां शत-प्रतिशत शुद्ध हैं। संस्थान विभिन्न आकार की गणेश प्रतिमाएं कम दामों पर उपलब्ध करवा रहा है।
पर्यावरण नहीं होगा कोई नुकसान
गौधन मित्र संस्थान के महेन्द्र जोशी ने बातचीत में बताया कि पर्यावरण की शुद्धि के लिए उनके यहां पर गाय के गोबर से निर्मित आइटम बनाए जा रहे हैं। यह पूर्ण रूप से शुद्ध है, किसी तरह का केमिकल्स, आर्टीफिशियल चीज इसमें नहीं डालते। इसमें तीन से चार इंच की प्रतिमा को तैयार करने में 15-20 मिनिट लगता है, लेकिन उनको धूप में सूखाकर तैयार करने में तीन से चार दिन लग जाता है। इनमें गोबर और उसके साथ यदि कुछ औषधियां भी मिलाई जाती हैं। बीते दो साल से मूर्तियों की डिमांड बढ़ रही है।
लोगों को खूब पसंद आ रहीं मूर्तियां
गोधन मित्र के महेन्द्र जोशी ने बताया कि गोबर से तैयार गणेशजी दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, जोधपुर, जयपुर, उदयपुर सहित महानगरों में गोबर से बने गणेशजी की मांग है। उन्होंने बताया कि छोटे और बड़े सभी साइज के गणेशजी तैयार किए जा रहे है। जोशी के अनुसार संस्था गायों के गोबर से कई तरह के आइटम बना रही है। ताकि वातावरण प्रदूषित नहीं हो।