असम की भाजपा सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अभी तक असम विधानसभा में जुम्मे के दिन शुक्रवार को 2 घंटे का ब्रेक होता था। अब इस ब्रेक को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने खत्म कर दिया है। इसको लेकर जानकारी देते हुए असम सीएम ने कहा कि यह प्रथा 1937 में मुस्लिम लीग के मुहम्मद सादुल्ला ने शुरू की थी। जिसे अब विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी ने खत्म कर दिया है। सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने इस निर्णय को लेकर विधायकों और विधानसभा स्पीकर का धन्यवाद ज्ञापित किया है।
👉असम विधानसभा में जुम्मे के 2 घंटे के ब्रेक को रद्द करने का निर्णय हिंदू और मुस्लिम विधायकों ने मिलकर लिया। भारतीय सांसद में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
👉मैंने श्री @ChampaiSoren जी को माँ कामाख्या के दर्शन करने का निमंत्रण दिया है। pic.twitter.com/22edGVDKaz
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 31, 2024
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वहीं, आज शनिवार को इस मामले पर बोलते हुए असम सीएम ने कहा कि राज्य के हिंदू और मुस्लिम सभी विधायकों ने एक साथ रूल कमेटी में बैठकर यह निर्णय लिया है। हेमंत विश्व शर्मा ने कहा विधायकों ने निर्णय लिया है कि अभी तक जुम्मे के दिन जो 2 घंटे की छुट्टी होती थी, यह छुट्टी अब नहीं होगी सभी 2 घंटे और काम करेंगे। जिससे देश के विकास में योगदान दिया जा सके।
विपक्ष द्वारा किए जा रहे हमले पर जब पत्रकारों ने हिमंत बिस्वा सरमा से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह निर्णय हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के विधायक ने मिलकर लिया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और किसी राज्य की विधानसभा में ऐसे अवकाश की व्यवस्था नहीं है। तो हमारे राज्य की विधानसभा में क्यों? उन्होंने आगे कहा कि यह निर्णय सिर्फ सीएम का नहीं बल्कि सभी विधायकों का है। सरमा ने कहा कि हमारे राज्य में 25 मुस्लिम विधायक हैं। उन्होंने भी इस निर्णय का समर्थन किया है। सरमा ने कहा कि असम में जुम्मे के ब्रेक को ख़त्म करने के निर्णय को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया।