भाजपा सांसद कंगना रनौत ने किसान आंदोलन को लेकर विवादित बयान दिया था। जिसको लेकर वह चौतरफा घिरी हुई हैं। अब उनकी पार्टी भाजपा ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया है। इसको लेकर पार्टी ने बाकायदा प्रेस रिलीज जारी कर कंगना के बयान को उनका निजी विचार बताया है। इसके बाद सांसद कंगना रनौत ने भी अपने बयान पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी की आधिकारिक प्रवक्ता नहीं हूं। मैं पार्टी पर विश्वास करती हूं और मेरे लिए पार्टी से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। कंगना ने अपने बयान पर पछतावा जताते हुए कहा कि भविष्य में अपने बयानों को अधिक सावधानी से मीडिया के सामने रखूंगी।
कंगना रनौत के बयान के बाद भाजपा को लगातार विपक्षी दलों द्वारा घेरा जा रहा था। कांग्रेस सहित तमाम दलों ने कंगना को भाजपा से निकलने की मांग की थी। इसके बाद भाजपा मीडिया सेल ने एक पत्र जारी किया गया था, जिसमें इस बात का जिक्र था कि मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत को यह हिदायत दी गई है कि वह भविष्य में इस प्रकार के बयान न दें। अन्यथा उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पत्र में कंगना के बयान को उनका निजी बयान बताया गया था।
कंगना ने क्या दिया था बयान?
भाजपा सांसद कंगना रनौत ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान भारत में भी बांग्लादेश जैसी अराजकता और हिंसा हो सकती थी। कंगना ने कहा था कि विदेशी ताकते हमारे देश को बर्बाद करने की योजना बना रही हैं। अगर किसान आंदोलन के दौरान हमारे शीर्ष नेतृत्व ने दूरदर्शिता नहीं दिखाई होती तो वह ताकतें सफल भी हो सकती थीं।
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कंगना ने आगे कहा था कि 2020 में किसान आंदोलन के दौरान जहां विरोध प्रदर्शन हुआ वहां लाशें लटकी हुईं मिलीं, दुष्कर्म हुए जिससे पूरा देश परेशान हुआ। कंगना ने आगे कहा कि प्रदर्शनकारी किसान आज भी वहीं हैं। वह अभी भी अपने घर नहीं लौटे हैं। वह वापस जाने की नहीं सोच रहे। यह लोग बड़ी योजना बनाकर बांग्लादेश जैसी घटना करने के लिए आए हैं।