ज्ञानवापी से जुड़े वादों की सुनवाई वाराणसी कोर्ट में लंबित है। इससे जुड़े एक मामले की आज सुनवाई होगी। गुंबद और ऊपरी हिस्से का ASI सर्वे हो चुका है। अब बाकी बचे परिसर का सर्वे कराने की मांग की गई है। सिविल कोर्ट के सीनियर जज प्रशांत कुमार सिंह की अदालत सुनवाई करेगी। बता दें, कि वादी विनय शंकर तिवारी ने ASI सर्वे की मांग की है। वादी का दावा है, कि मुख्य गुंबद के नीचे स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है।
यह भी पढ़ें- ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने का केस लड़ रहे हरिहर पांडेय का निधन, 1991 में दायर की थी याचिका
खुदाई से कई साक्ष्य मिलने की संभावना
इस मामले में ज्ञानवापी परिसर में गुंबद और ऊपरी हिस्से की सुनवाई के बाद शेष बचे हिस्से की ASI सर्वे कराने की मांग वाली याचिका पर आज मंगलवार को सुनवाई की जाएगी। वादी विनय शंकर तिवारी ने ASI सर्वे को अधूरा बताते हुए परिसर का भी सर्वे कराने की मांग की है। कहा गया है, कि सर्वे में विधिवत मशीनों का प्रयोग नहीं किया गया, जिससे खुदाई कर अवशेषों की तलाश नहीं की गई। इसके अलाव परिसर का बड़ा क्षेत्र सर्वे से अछूता है। उन्होंने खुदाई के दौरान कई साक्ष्य मिलने की संभावना जताई है।
स्वयंभू ज्योतिर्लिंग होने का दावा
बता दें, कि वादी विजय शंकर रस्तोगी का दावा है, कि ज्ञानवापी मस्जिद के केंद्रीय गुंबद के ठीक नीचे भगवान विश्वेश्वर का सौ फीट का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है। जोकि, सीधे गंगाजी के स्रोत से जुड़ा हुआ है। मुगल शासक ने इस प्राचीन मंदिर को बंद करवा दिया था। उनका कहना है, कि इसकी प्रामाणिकता के लिए संपूर्ण परिसर का ASI सर्वे कराना जरूरी है। इस मामले में यहां पर मंदिर के निर्माण और हिंदूओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का वाद 1991 में दायर किया गया था।
यह भी पढ़ें- जन्माष्टमी पर आगरा जामा मस्जिद की सीढ़ियों की आरती करने पहुंचा कृष्ण भक्त, हिंदूवादी संगठन ने लगाए जयकारे
मुस्लिम पक्ष रखेगा दलील
इस मामले की सुनवाई की पिछली तारीख पर हिन्दू पक्ष ने बहस की थी, जिसके बाद कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को सुनवाई का मौका देते हुए तारीख मुकर्रर की थी। सभी पक्षकारों को तलब किया गया है। इसमें मुस्लिम पक्ष पिछले सर्वे पर अपनी बात रखेंगे और आगामी सर्वे की दलीलों का विरोध भी करेंगे।