बुलंदशहर: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और खुर्जा विधानसभा के पूर्व विधायक बंसी पहाड़िया को अनूपशहर की MP-MLA कोर्ट ने तीन साल 11 महीने की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए 51,000 रुपये का जुर्माना भी भरने का आदेश दिया है। पहाड़िया पर आदर्श चुनाव आचार संहिता, आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी संशोधन (अध्यादेश) 2020, और आईपीसी की कई धाराओं का उल्लंघन करने का मामला था।
सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी थे बंसी पहाड़िया
बता दें, घटना 3 फरवरी 2022 की रात का है, जब खुर्जा नगर में सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी बंसी पहाड़िया के समर्थन में एक जनसंपर्क यात्रा आयोजित की गई थी। इस यात्रा में समाजवादी पार्टी प्रमुख और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी भाग लिया था।
कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करते हुए रैली निकाली
सब इन्स्पेक्टर प्रदीप गौतम ने घटना के बाद खुर्जा नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि जनसंपर्क यात्रा समाप्त होने के बाद बंसी पहाड़िया और उनके समर्थकों ने आदर्श आचार संहिता और कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करते हुए 30-40 गाड़ियों और बाइकों के साथ रैली निकाली। ढोल बजाते हुए नारेबाजी की और कालिंदी कुंज के सामने कार्यालय के बाहर भीड़ इकट्ठा हो गई। इस मामले में बंसी पहाड़िया सहित 450 अज्ञात व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
3 साल 11 महीने की सजा और 51,000 रुपये का जुर्माना लगा
पुलिस की ओर से मामले की जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें अनूपशहर की MP-MLA कोर्ट ने बंसी पहाड़िया को दोषी ठहराया। कोर्ट ने उन्हें उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य महामारी अध्यादेश 2020 और अन्य धाराओं के तहत तीन साल 11 महीने की सजा और 51,000 रुपये का जुर्माना सुनाया। सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट से पूर्व विधायक को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।