लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्तियों का विवरण मानव संपदा पोर्टल (EHRMS Portal) पर अनिवार्य रूप से जमा करने का आदेश दिया था। हालांकि, अब तक मात्र 26% सरकारी कर्मियों ने ही अपनी संपत्तियों की जानकारी दी है। इस स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने साफ कर दिया है कि 31 अगस्त तक संपत्ति का विवरण न देने वाले कर्मचारियों का अगस्त माह का वेतन रोका जाएगा।
सिर्फ 26% कर्मियों ने दी जानकारी
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 17,88,429 सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से केवल 4,64,991 कर्मियों ने ही अपनी संपत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन दर्ज कराया है, जो कुल कर्मचारियों का 26% हिस्सा है। बाकी 13,23,438 कर्मचारियों ने अब तक अपनी संपत्तियों की जानकारी साझा नहीं की है, जिससे उनके वेतन पर तलवार लटक रही है। राज्य सरकार ने IAS और PCS अधिकारियों के बाद सभी वर्ग के कर्मचारियों के लिए चल-अचल संपत्ति का ऑनलाइन ब्यौरा देना अनिवार्य कर दिया है।
आखिरी तारीख 31 अगस्त
कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव एम. देवराज ने मुख्य सचिव के आदेश को सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्षों और कार्यालय अध्यक्षों को भेजा है। इसमें कहा गया है कि जिन कर्मचारियों ने अब तक चल-अचल संपत्ति का विवरण नहीं दिया है, उनके प्रमोशन पर भी विचार नहीं किया जाएगा।
पहली बार संपत्ति का विवरण ऑनलाइन
मानव संपदा पोर्टल (EHRMS Portal) पर संपत्ति का विवरण देने की व्यवस्था पहली बार की जा रही है, और इसे लागू करने में आई शुरुआती कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों को एक और मौका दिया गया है। 31 अगस्त की तारीख अंतिम रूप से तय की गई है। इस तारीख तक संपत्ति का विवरण न देने वाले कर्मचारियों का वेतन रोक लिया जाएगा और प्रमोशन पर भी असर पड़ सकता है। सरकार की इस सख्ती के बाद अब सभी सरकारी कर्मियों को अपनी संपत्तियों का विवरण जल्द से जल्द पोर्टल पर जमा करना होगा, ताकि उनकी सैलरी और प्रमोशन प्रभावित न हो।
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