कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस घटना ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सोचने पर विवश कर दिया है। देशभर में डॉक्टर के संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी डॉक्टर और मेडिकल छात्रों की मांग है कि उनकी सुरक्षा और कार्यस्थल पर आराम करने के लिए उचित व्यवस्था की जाए।
देशव्यापी इन प्रदर्शनों से सबसे अधिक परेशानी बंगाल की ममता सरकार को हो रही है। यही वजह है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ दल टीएमसी में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि प्रदेश सरकार इन प्रदर्शन को रोकने में नाकाम रही है। जिसके कारण जनता के बीच सरकार को लेकर अविश्वास पैदा हुआ है। टीएमसी के नेताओं का मानना है कि यह प्रदर्शन नंदीग्राम और सिंगूर में अधिग्रहण के चलते वामपंथी सरकार के खिलाफ फूटे जनता के गुस्से को याद दिलाते हैं।
ममता के अपने ही हो रहे बागी
कोलकाता रेप-मर्डर के बाद हो रहे प्रदर्शनों ने तृणमूल कांग्रेस में फूट डाल दी है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस घटना को लेकर पार्टी में घमासान मचा हुआ है। पार्टी नेताओं की राय अलग-अलग है। राज्य में हो रहे प्रदर्शनों को संभालने पाने में सरकार नाकाम रही है। जिससे लगातार प्रदर्शनों का स्तर बढ़ रहा है। इसका फायदा विपक्षी दल भी उठा रहे हैं। टीएमसी नेता ने आगे बताया कि इस मुद्दे पर पार्टी के शीर्ष नेताओं की राय अन्य नेताओं से नहीं मिलती। जिसके चलते कार्यकर्ताओं में यह धारणा बन गई है कि पार्टी में इस मुद्दे पर मतभेद है। टीएमसी का शीर्ष नेतृत्व जो कब रहा है, उसके विपरीत पार्टी के अन्य नेता बयानबाजी कर रहे हैं। जिससे प्रदेश की आम जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश जा रहा है।
2026 में बंगाल में बदल सकती है सरकार-TMC विधायक मदन मित्रा
कोलकाता की घटना पर प्रदेश की जनता के बीच आक्रोश को देखते हुए TMC के वरिष्ठ नेता और विधायक मदन मित्रा ने बड़ा बयान दिया है। वह इन प्रदर्शनों को पूर्व में वाम मोर्चा शासन में घटी घटनाओं के तौर पर देख रहे हैं। टीएमसी विधायक ने कहा कि प्रदेश में ऐसा ही जनता के बीच आक्रोश वाम मोर्चा की सरकार के दौरान देखने को मिला था। जब उस समय की कम्युनिस्ट सरकार ने नंदीग्राम व सिंगूर में भूमि अधिग्रहण करने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि अगर जनता सरकार बदलना चाहती है तो 2026 के विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकती है।
TMC सांसद सुखेंदु शेखर रॉय हुए मुखर
TMC सांसद सुखेंदु शेखर रॉय कोलकाता की घटना पर अपने की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने का अब समय आ गया है। बीते रविवार को उन्होंने मांग की थी, CBI इस मामले कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संजीव घोष को हिरासत में लेकर पूछताछ करे।
TMC प्रवक्ता शांतनु सेन को छोड़ना पड़ा पद
उल्लेखनीय है कि TMC विधायक मदन मित्रा, TMC सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ही नहीं पार्टी के प्रवक्ता शांतनु सेन ने भी इस घटना का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि प्रदेश सरकार घोष के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रही है। पता नहीं उसके खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की जा रही। इस बयान के बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था।