उत्तर प्रदेश में रेलवे की जमीनों पर बड़ी संख्या में लोग झुग्गी-झोपड़ी लगाकर रह रहे हैं। कई बार जांच के बाद भी जिला प्रशासन एवं राजस्व के अधिकारी इन लोंगो के खिलाफ कार्रवाई नही कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के विभिन्न शहरों में रेलवे की जमीन पर झुग्गी झोपड़ियां लगाकर घुमन्तु जनजातियों के आड़ में बांग्लादेशी घुसपैठी रह रहे हैं। ये घुसपैठिए बेहद निश्चिंत होकर आधार व मतदाता कार्ड के जरिए बिजली, राशन जैसी सुविधाएं भी ले रहे हैं। 2023 में हुई छापेमारी के दौरान 40 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए थे।
यह भी पढ़ें- हिंदुओं के साथ हिंसा और अत्याचार पर बनी फिल्म का ट्रेलर रिलीज, स्वामी रामभद्राचार्य ने कही ये बात
छापेमारी के दौरान 40 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए
बता दें, कि आगरा के सिकन्दरा क्षेत्र में बीते दो वर्षो के भीतर झुग्गी झोपड़ी में कई बार छापेमारी की गयी है। छापेमारी के दौरान खुफिया विभाग ने दो बार वहां बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। वहीं, दूसरी तरफ आगरा के सेक्टर-14 में वर्ष 2023 में हुई छापेमारी के दौरान 40 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए थे। जिन्होंने पूछताछ में बांग्लादेश से उत्तर प्रदेश के आगरा तक पहुंचने की कहानी सुनायी थी। आगरा जनपद से राजस्थान बार्डर की बात करें तो कई झुग्गी झोपड़ियों बसी हुई थी, जिसे जिला प्रशासन ने हटवाया था। इस दौरान कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया था। जिन्हें बाद में राजस्थान की घुंमतु समुदाय का बताकर छोड़ दिया गया था।
बातचीत से लगते हैं बांग्ला भाषी
ऐसा ही हाल लखनऊ जिले की सीमाओं पर रेलवे की जमीन पर भी देखा गया। बड़ी संख्या में झुग्गी झोपड़ी में लोग रह रहे थे। इनकी पहचान कराने पर स्थानीय नेताओं ने इनको वोटर बनाने के लिए राशन कार्ड बनाए और फिर चुपके से मतदाता पहचान पत्र भी बनवा दिया गया। मोहन मेकिन रेलवे ब्रिज व सीतापुर मार्ग पर रेलवे की जमीन पर झुग्गी झोपड़ी में जो लोग रह रहे हैं। इन लोगों की भाषा और बोली बांग्ला भाषा से मिलती जुलती है। बड़ी तेजी से उन्होंने अवधी बोली सीखी है, लेकिन वो भी पकड़ में आ जाती है।
यह भी पढ़ें- साध्वी ऋतंभरा का हिंदुओं से एकजुट होने का आह्वान; बोलीं, ‘भारत हिन्दू राष्ट्र घोषित हो’
खुफिया विभाग से जुड़े एक अधिकारी की मानें तो उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, महाराजगंज जिलों में रेलवे की जमीनों पर झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग जो दिखायी देते हैं, वहां बांग्लादेशी घुसपैठी हैं। प्रदेश में खुफिया विभाग के निरीक्षकों से लेकर अधिकारियों तक बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने में जुटे रहते हैं। कई बार बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ने में सफलता भी मिली है।