नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया था। फिलहाल यह बिल अटक गया है। इस विधेयक को जेसीपी के पास भेज दिया गया है। हालांकि, अगर यह बिल लोकसभा में पास भी हो जाता तो, एनडीए सरकार को राज्यसभा में झटका लग सकता था। क्योंकि एनडीए सरकार के पास राज्यसभा में अभी बहुमत नहीं है। 229 सदस्यों वाली राज्यसभा में वर्तमान में बीजेपी के पास 87 सांसद हैं। वहीं, अगर एनडीए के सभी सहयोगी दलों के सांसदों की संख्या मिला ली जाए को यह आंकड़ा 105 पहुंच जाता है।
6 मनोनीत सदस्यों की संख्या को भी जोड़ लिया जाए तो NDA के पास राज्यसभा में कुल 111 सांसद हो जाते हैं। जबकि बहुमत के लिए 115 सांसदों का सहयोग जरूरी है। 3 सितंबर को राज्यसभा की 12 सीटों पर उपचुनाव होना है। जिसके बाद राज्यसभा में भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने की उम्मीद है।
वर्तमान में लोकसभा का समीकरण
वर्तमान में राज्यसभा में विपक्ष के पास 84 सांसद हैं। जिसमें से 26 सांसद कांग्रेस के हैं। वहीं, जो दल किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं, उनमें से प्रमुख दल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 11 सदस्य हैं। जबकि नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद के पास 8 राज्यसभा सांसद हैं। माना जा रहा है, 3 सितंबर को होने राज्यसभा उपचुनाव में भाजपा को 11 सीटें मिल सकती हैं। जिसके बाद एनडीए का राज्यसभा में स्पष्ट बहुमत हो जाएगा।
जम्मू-कश्मीर की 4 सीटें खाली
वर्तमान में जम्मू-कश्मीर की राज्यसभा की 4 सीटें रिक्त हैं। क्योंकि, केंद्र शासित प्रदेश होने बाद से यहां विधानसभा चुनाव नहीं हुआ है। जिसके चलते राज्यसभा की कुल 245 सीटों की संख्या घटकर 241 रह गई है। केंद्र सरकार में मंत्री पीयूष गोयल, सर्बानंद सोनोवाल और ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले राज्यसभा के सदस्य थे। वह अबकी बार वह लोकसभा सांसद के तौर पर चुनाव जीते हैं। जिसके चलते उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा अन्य कई राज्यसभा सांसदों ने लोकसभा का चुनाव जीता है। इस लिहाज से राज्यसभा की 13 सीटों पर 3 सितंबर को उपचुनाव होना है।