Kanpur News- भगवान शिव का प्रिय सावन महीना शिवभक्तों के लिए विषेश महत्व रखता है। पूरे महीने कांवड यात्रा और फिर शिव जी का जलाभिषेक किया जाता है। इस बीच हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर नागों का मेला लगता है। खास बात तो यह हैं, की इस मंदिर की सुरक्षा मनुष्य नहीं बल्कि इच्छाधारी नाग-नागिन करते हैं। यहां मंदिर यूपी के कानपुर में हैं और खेरेपति मंदिर के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं यहां की मान्यताओं के बारे में…
यह भी पढ़ें- अयोध्या में चांदी के झूले पर विराजमान हुए भाईयों के साथ भगवान श्रीराम, 11 दिनों तक चलेगा महोत्सव
इच्छाधारी नाग-नागिन करते हैं शिवलिंग की पूजा
यह मंदिर यूपी के कानपुर शहर के माल रोड पर स्थित है। कहा जाता है, कि इस मंदिर की स्थापना आज से सैकड़ों साल पहले हुई थी। विशेष मान्यता यह है, मंदिर की सुरक्षा और देखभाल इच्छाधारी नाग और नागिन करते हैं। सावन महीने में इच्छाधारी नाग और नागिन मंदिर में स्थापित शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने आते हैं। यह भी मान्यता है, कि सावन मास में किसी भी एक सोमवार को दर्शन करने से श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है।
दैत्य गुरू शंकराचार्य ने की थी मंदिर की स्थापना
मान्यता है, कि गुरु शुक्राचार्य की बेटी देवयानी का विवाह यादव राजा आदित्य से हुआ था और जब वह एक बार अपने बेटी से मिलने के लिए जा रहे थे, तो कुछ देर उन्होंने खेरेपति मंदिर के पास आराम किया था। नींद में होने के दौरान भगवान शेषनाथ ने दर्शन दिए थे और इस जगह पर शिव मंदिर बनाने के लिए कहा था। शेषनाग की आज्ञा के अनुसार ही शुक्राचार्य ने इस जगह पर शिवलिंग की स्थापना की और मंदिर का निर्माण करवाया। यहां सावन मास के अलावा अन्य सोमवार में भी बाबा की शिवलिंग का भव्य रूप से श्रृंगार कर उनकी पूजा अर्चना की जाती है और लाखों शिव भक्त दर्शन करने आते हैं। बाबा भोलेनाथ उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
यह भी पढ़ें- देश में धूमधाम से मनाया जा रहा नाग पंचमी का पर्व, प्रदेशवासियों को सीएम योगी ने दी शुभकामनाएं
शेषनाथ पर चढ़े मिलते हैं फूल
पुजारी ने बताया, कि मंदिर के कपाट खोलने के बाद शेषनाग के शीश पर दो फूल मिलते हैं। इसके अलावा भगवान शिव पर भी पूजा सामग्री चढ़ी मिलती है। पुजारी का मानना है, कि यहां साक्षात नाग देवता का वास है। इस मंदिर की विशेष मान्यता यह भी है, कि यहां पर 12 प्रकार के कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए विशेष पूजा अर्चना की जाती है। ऐसा कहा जाता है, कि इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
लगता है विशाल मेला
प्रबंधक दिनेश चंद्र मिश्रा ने बताया, कि खेरेपति मंदिर में नाग पंचमी पर हर साल सांपों का मेला जरूर लगता है। इस दिन मंदिर में विशेष तैयारी की जाती है। भोलेनाथ का भव्य शृंगार किया जाता है। लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं।