लखनऊ: बांग्लादेश में तख्तापलट का असर उत्तर प्रदेश के व्यापार पर भी देखा जा रहा है। बांग्लादेश में जारी हिंसा के चलते यूपी के व्यापारियों का करीब 700 करोड़ का भुगतान अटक गया है। उत्तर प्रदेश से 140 से भी अधिक उत्पाद बांग्लादेश जाते हैं। जिसमें प्रमुख रूप से लेदर उत्पाद, टेक्सटाइल, कृषि उपकरण, कृषि उत्पाद, एडहेसिव, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, इंजीनियरिंग गुड्स, एडहेसिव, कृषि उपकरण, ई रिक्शा प्रमुख रूप से शामिल हैं।
बांग्लादेश में यूपी के 40 से अधिक कारोबारियों की कई इकाइयां हैं, यहां से पूरे बांग्लादेश में विभिन्न सामानों की सप्लाई की जाती है। फिलहाल, हिंसा के चलते सभी कर्मचारी इकाइयां के अंदर रुके हैं। देश में अधिकांश बड़ी दुकानें बंद हैं। जिसके चलते बांग्लादेश में व्यापार करने वाले यूपी के व्यापारियों का करीब 700 करोड़ रुपया वहां की बाजारों में फंसा है।
एक ओर बांग्लादेश में यूपी के व्यापारियों का पैसा फंसा है। वहीं, जारी हिंसा के बीच भारत-बांग्लादेश बार्डर पर सामान लदे ट्रकों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। ट्रकों में आर्डर का सामान भरा हुआ है। जिसके चलते भारी नुकसान हो रहा है। यही कारण है कि कारोबारियों के चहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। उनका कहना है कि हालात कब सामान्य होंगे यह कह पाना मुश्किल है।
मीडिया रिपोट्स के अनुसार, यूपी के कारोबारियों के लिए बांग्लादेश एक बाजार माना जाता है। भारतीय निर्यात संगठन महासंघ के अनुसार,भारत के उत्तर प्रदेश राज्य और बांग्लादेश के बीच करीब 2500 करोड़ का व्यापार होता है। जिसमें से लेदर और कपड़ों का व्यापार प्रमुख है। इन दोनों उत्पादों के अलावा इंजीनियरिंग सामान, पेट्रोलियम उत्पाद, मसाले, सब्जी, चीनी, फल, खाद्य तेल, सूती कपड़ा, गेहूं और इससे बने उत्पाद बड़ी मात्रा में यूपी से बांग्लादेश जाते हैं।
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भारतीय निर्यात संगठन महासंघ के अनुसार, बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच निर्यात रुका है। सामान ट्रकों में लदा सीमा पर खड़ा है। जिसके चलते व्यापारियों का भुगतान भी अटका हुआ है। बांग्लादेश में सोना मस्जिद, बेनापोल और पेट्रा पोल बार्डरों से होते हुए सड़क मार्ग से सप्लाई होता है। लेकिन तनाव के चलते बार्डर पर माल फंसा हुआ है।