Mathura News- 7 अगस्त को हरियाली तीज पर्व मनाया जाएगा। इस अवसर पर वृंदावन में ठाकुर बांके बिहारी जी सोने-चांदी के विशाल पालने में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। बता दें, कि रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए वृंदावन पहुंचते हैं। ऐसे में 20 किलो सोना, एक कुंतल चांदी और चंदन की लकड़ियों से बना हुआ पालना श्रद्धालुओं को खूब आकर्षित करेगा। वहीं, जिला प्रशासन ने सुरक्षा के उचित इंतजाम किए हैं।
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चंदन की लकड़ियों से बना हैं आकर्षक पालना
वृंदावन स्थित श्री ठाकुर बांके बिहारी जी के दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रृद्धालु आते हैं। वहीं, तीज त्योहार पर भगवान को आकर्षक और सुंदर पालने में विराजमान किया जाता है। यह पालना चंदन की लकड़ियों से बना हुआ है। जिसमें 20 किलो सोना और एक कुंतल चांदी का प्रयोग किया गया है। वाराणसी के कारीगरों द्वारा तैयार किया गया, विशाल पालना हरियाली तीज पर ही निकाला जाता है। तीज पर दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से यहां आते हैं और ठाकुर जी का आशीर्वाद लेते हैं।
15 अगस्त 1947 को पहली बार इस पालने में विराजे थे बांके बिहारी
बता दें, कि वृंदावन के भक्त बेरीवाल परिवार के सदस्य हरगुलाब ने सोने चांदी से जड़ित इस पालने को बनवाया था। नेपाल के टनकपुर के जंगलों से चंदन की लकड़ियां बने इस पालने का निर्माण वाराणसी के कारीगरों ने किया था। लगभग 30 कारीगरों ने 5 साल में इसको तैयार किया। इसको बनवाने में करीब 25 लाख रुपए की लागत आई थी। इसका निर्माण हो जाने के बाद हरियाली तीज के दिन 15 अगस्त 1947 ठाकुर जी इसमें पहली बार विराजमान हुए।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन चौकन्ना
मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा ने बताया, कि हरियाली तीज को लेकर ठाकुर बांके बिहारी जी के विशेष दर्शन होंगे। सोने-चांदी से जड़ित पालने में विराजमान होकर ठाकुर जी साल में एक दिन दर्शन देते हैं। तीज पर अधिक भीड़ होने के कारण व्यवस्थाएं चाक चौबंद की जाएंगी। इस संबंध में पुलिस प्रशासन और मंदिर प्रशासन द्वारा दो दिन पूर्व बैठक की गई थी।