New Delhi News- जातीय जनगणना को लेकर भाजपा और विपक्षी दलों के बीच घमासान छिड़ा हुआ है। इस दौरान कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष सांसद राहुल गांधी का कहना है, कि वह जातीय जनगणना हर हाल में कराकर रहेंगे, वहीं भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी से ही उनकी जाति पूछ तो हंगामा खड़ा हो गया। इस बीच बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, कि बीजेपी सरकार सुधारवादी नही है। बता दें, कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण कोटा में कोटा देने का निर्णय सुनाया तो एक बार फिर आरक्षण की चर्चा गर्म है।
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आरक्षण को लेकर मायावती ने किया सोशल मीडिया पर पोस्ट
देश की संसद में जातीय जनगणना का मामला गर्म है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर सियासी बाण चला रहें हैं। मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि कोटे में कोटा आरक्षण का मुद्दा गरम हो गया है। आरक्षण को छिड़ी बहस में बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने पोस्ट किया है। मायावती ने कहा, कि जब कांग्रेस की सरकार रही तब वह सुधारवादी नहीं रही और आज भाजपा की सरकार है तो वह भी सुधारवादी नहीं है। उन्होंने इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट की है। उन्होंने लिखा, कि सामाजिक उत्पीड़न की तुलना में राजनीतिक उत्पीड़न कुछ भी नहीं। क्या देश के ख़ासकर करोड़ों दलितों व आदिवासियों का जीवन द्वेष व भेदभाव-मुक्त, आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का हो पाया है? अगर नहीं तो फिर जाति के आधार पर तोड़े व पछाड़े गए इन वर्गों के बीच आरक्षण का बंटवारा कितना उचित है?
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सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण से जुड़े मामले में सुनाया फैसला
आगे अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, कि देश के एससी, एसटी व ओबीसी बहुजनों के प्रति कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों और सरकारों का रवैया उदारवादी रहा है सुधारवादी नहीं। वे इनके सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के पक्षधर नहीं, वरना इन लोगों के आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालकर इसकी सुरक्षा जरुर की गई होती। बता दें, कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण से जुड़े मामले में कोटा के भीतर कोटा को लेकर अहम फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने कहा, कि राज्यों के पास अधिक वंचित जातियों के उत्थान के लिए एससी और एसटी के लिए निर्धारित आरक्षण में उप वर्गीकरण करने का अधिकार है।