लखनऊ: यूपी में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का मुद्दा समाजवादी पार्टी उठाती रही है। इसको लेकर सपा ने सड़क से लेकर सदन तक कई बार प्रदर्शन भी किया। लेकिन, योगी सरकार का पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने का कोई इरादा नहीं है। इसकी जानकारी संसदीय कार्य एवं औद्योगिक विकास राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी ने विधानसभा में दी है।
राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी ने कहा कि राज्य में पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की अभी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि जब 2005 में यह व्यवस्था लागू की गई थी, तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। फिर 2012 से 2017 तक सपा की सरकार रही। इस दौरान सपा ने पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था को लेकर कर्मचारियों में न तो कोई असंतोष है, और न ही नाराजगी। जिसके बाद विपक्षी दल के विधायकों ने उनके इस जवाब पर विरोध जताया।
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तदर्थ शिक्षकों का नियमितिकरण संभव नहीं- गुलाबो देवी
वहीं, दूसरी ओर आज मंगलवार को एक प्रश्न का उत्तर देते हुए माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाबो देवी ने विधान परिषद में जानकारी दी कि यूपी के 2,214 तदर्थ शिक्षकों का नियमित करना संभव नहीं है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि शीर्ष अदालत ने तदर्थ नीति को समाप्त करने का निर्देश दिया है। मंत्री गुलाबो देवी ने कहा कि हालांकि सरकार ने इन शिक्षकों की सेवाएं खत्म करने के बजाए उन्हें मानदेय पर रखा है। जिन्हें 25,000 से 30,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाने क प्रावधान किया गया है।