अयोध्या: राम जन्मभूमि मामले पर फैसला सुनाते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को मुस्लिम पक्ष के लिए जगह आवंटित करने का आदेश दिया था। इस स्थान पर मस्जिद बनाने का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है। लेकिन, अब मस्जिद निर्माण के बीच कानून बाधा आ गई है। दरअसल, एक महिला ने इस स्थान पर अपना मालिकाना हक होने का दावा किया है। महिला ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर एक याचिका भी दायर की है।
दरअसल, दिल्ली की रहने वाली महिला रानी पंजाबी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने कहा है कि अयोध्या के धन्नीपुर गांव में जहां मस्जिद बन रही है, उस जगह पर उसका मालिकाना हक है। महिला ने दावा किया है कि इस भूमि के उसके पास सभी दस्तावेज भी हैं। यह उसकी पैतृक भूमि है।
महिला ने अपने याचिका में कहा है कि उसके पिता ज्ञानचंद्र भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान पंजाब से फैजाबाद (अब अयोघ्या) आए थे। पंजाब की जमीन छोड़ने के एवज में उन्हें 1947 में फैजाबाद में 28.35 एकड़ जमीन सरकार द्वारा आवंटित की गई थी। जिस पर उसका परिवार खेती करके गुजर-बसर करता था। लेकिन, पिता का स्वास्थ्य ठीक न रहने के चलते वह 1983 में दिल्ली चले गए।जिसके बाद, दिल्ली में ही परिवार बस गया। लेकिन, बाद में धीरे-धीरे लोगों ने इस जमीन पर कब्जा कर लिया।
वक्फ बोर्ड ने महिला के दावों को किया खारिज
वक्फ बोर्ड ने महिला के सभी दावों को खारिज किया है। यूपी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महिला के दावों को 2021 में ही खारिज कर दिया था। अब भूमि को लेकर किसी भी प्रकार की कोई भी अड़चन नहीं है। उन्होंने कहा की मस्जिद के निर्माण में कुछ देरी जरूर हुई है। इसका कारण यह है कि मस्जिद के डिजाइन में बदलाव और धन जुटाने में कुछ समस्याएं आ रही हैं।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मिली थी भूमि
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को रामजन्म भूमि विवाद पर फैसला सुनाते हुए अयोध्या में मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन आवंटित करने का आदेश दिया था। जिस पर मुस्लिम पक्ष को मस्जिद का निर्माण करना था। इस आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सुन्नी वरक्फ बोर्ड को अयोध्या के धन्नीपुर में जमीन आवंटित की थी। जहां पर मस्जिद का निर्माण चल रहा है। हालांकि, महिला द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डालने के बाद कानूनी अड़चन आ सकती है।