लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बढ़ते ‘लव जिहाद’ और धर्म परिवर्तन के प्रकरणों को देखते हुए, योगी सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। इसको लेकर योगी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध (संसोधन) विधेयक पेश किया। इस कानून के तहत लव जिहाद और अवैध तरीके धर्म से धर्म परिवर्तन कराने वाले प्रकरणों में अपराध का दायरा और सजा दोनों का विस्तार किया गया है। साथ ही धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग करने वालों को भी इस कानून के तहत सख्त सजा दिलाई जाएगी।
सोमवार को पेश किए गए इस विधेयक का उद्देश्य लव जिहाद और अवैध रूप से धर्म परिवर्तन की गतिविधियों पर अंकुश लगाना है। अभी तक धर्म परिवर्तन को लेकर फंडिंग वोलों के लिए कोई सख्त कानून नहीं था। जिससे यह लोग बच कर निकल जाते थे। अब ऐसे लोगों के कानून के दायरे में लाया गया है। इसमें किसी विदेशी संस्था या किसी अवैध संस्था द्वारा प्राप्त फंडिंग को भी शामिल किया गया है।
नए कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी को प्रलोभन, भय, जानमाल का खतरा व षड़यंत्र पूर्वक धर्म परिवर्तन कराता है, तो ऐसे लोगों को आजीवन कारावास व भारी जुर्माना लग सकता है। साथ ही इस स्थिति में किसी पीड़ित को जुर्माना देने के लिए कोर्ट को धनराशि तय करने का अधिकार दिया गया है। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि महिलाओं की गरिमा और समाज के कमजोर वर्गों को अवैध रूप से धर्मांतरित कराने की पीछे बड़ा षड्यंत्र चल रहा है। ऐसी घटनाएं भी समय-समय पर प्रकाश में आती रहती हैं। इसलिए सरकार ने कानून में संशोधन करने का निर्णय लिया है।
नए कानून के तहत सजा का प्रावधान
नए विधेयक के तहत दिव्यांग और मानसिक दुर्बल व्यक्ति को छल कपट या बहला फुसला का धर्म परिवर्तन करने पर 15 से 14 साल तक के कारावास के साथ ₹10 लाख का जुर्माना हो सकता है। साथ ही अवैध धर्म परिवर्तन के लिए विदेशी फंडिंग प्राप्त करके जो धर्म परिवर्तन करता है, उसे 7 से 14 साल तक की सजा और 10 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। नाबालिग, महिलाओं या किसी की तस्करी के माध्यम से धर्म परिवर्तन करने पर 20 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही इस स्थिति में अदालत द्वारा जुर्माना तय किया जाएगा।
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कोई भी दे सकता है सूचना
पहले कानून में पीड़ित व्यक्ति के परिजन जैसे की माता-पिता, पत्नी, पुत्र-पुत्र या फिर दत्तक संबंधी ही पुलिस को सूचना दे सकते थे। लेकिन अब नए विधेयक में कोई भी व्यक्ति पुलिस को लिखित तौर पर धर्म परिवर्तन की सूचना दे सकता है। सूचना के आधार पर पुलिस को जांच करना होगा। साथ ही इस विधेयक से संबंधित सभी धाराओं को गैरजमानती बना दिया गया है। इस केस में आरोपी को जमानत देने का अधिकार केवल सेशन कोर्ट या फिर उसके ऊपर की अदालतों को होगा।