लखनऊ: आज सोमवार 29 जुलाई को यूपी विधानसभा का मानसून सत्र प्रारंभ हो गया। यह सत्र 2 अगस्त तक चलेगा। सदन का माहौल पहले से लगाए जा रहे अनुमान के अनुरूप ही दिखा। विपक्षी दल के विधायकों ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरा। जिसमें से यूपी में भीषण गर्मी के दौरान जारी बिजली कटौती मुद्दा प्रमुख रहा। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने उर्जा मंत्री एके शर्मा से सवाल पूछते हुए कहा कि प्रदेश में बिजली कटौती क्यों हो रही है? उन्होंने कटौती की वजह पूछते हुए कहा कि क्या उत्तर प्रदेश को केंद्र से बिजली कब मिल रही है या फिर बिजली का उत्पादन कम हो गया है।
नेता प्रतिपक्ष के प्रश्न का उत्तर देते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बिजली का उत्पादन कम नहीं हुआ है। साथ ही केंद्र से भी पर्याप्त बिजली मिल रही है। ऊर्जा मंत्री शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आपके जमाने से जो रोस्टर की व्यवस्था शुरू हुई थी, हम उसी पर ही अमल कर रहे हैं।
इसके पूर्व एक सपा विधायक द्वारा बिजली कटौती को लेकर किए गए प्रश्न का उत्तर देते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 तक बिजली उत्पादन में खर्च रकम का 31% नुकसान होता था। इतने बड़े नुकसान के साथ किसी भी तंत्र को चला पाना कठिन कार्य है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सपा पर निशाना चाहते हुए कहा कि यह समस्या आप लोगों की दी हुई है। वर्तमान में यूपी का बिजली विभाग 1 लाख करोड़ के नुकसान में है।
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बिजली मंत्री मे आगे कहा कि अगर एक भी यूनिट बिजली देना होता है तो हमें प्रदेश सरकार के पास जाना पड़ता है। जब वहां से हमें पैसा मिलता है तभी बिजली पहुंचती है। शर्मा ने कहा कि हम लोग प्रयास कर रहे हैं कि लोगों के बिजली बिल की रिकवरी हो। हम सदन के माध्यम से लोगों के अपील करते हैं कि वह बकाया बिजली बिल को भरें।