बरेली: बीती 19 जुलाई को बरेली जिले के शाही थाना क्षेत्र के गौसगंज गांव में तेजराम नाम के युवक की कट्टरपंथियों की ने हत्या कर दी। हैरान करने वाली बात यह कि इतनी बड़ी खबर को मीडिया ने भी अधिक तवज्जोह नहीं दी। हालांकि, कुछ लोग लिंचिंग के आरोपियों के अवैध निर्माण पर चले बुलडोजर को जरूर दिखाकर उनके प्रति सहानुभूति का माहौल तैयार कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 16 जुलाई को मुहर्रम जुलूस के दिन गौसगंज गांव में हिंदू और मुस्लिमों के बीच विवाद हुआ था। लेकिन, उस दिन प्रशासन की सक्रियता के कारण यह विवाद थम गया। इस घटना के कुछ दिनों बाद कट्टरपंथी 19 जुलाई को तेजराम को मस्जिद में घसीट कर ले गए और वहां उसकी हत्या कर दी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विवाद ताजिया को रखने को लेकर प्रारंभ हुआ था। मुस्लिम पक्ष वहां पर ताजिया रखना चाहता था जहां इससे पहले कभी नहीं रखा गया। लेकिन, हिंदू समाज के लोग इसका विरोध कर रहे थे। हालांकि, उस दिन यह विवाद शांत हो गया। लेकिन, 19 जुलाई को अराजक तत्वों ने गांव के पूर्व प्रधान हीरालाल के पक्ष की एक महिला को पर लेजर लाइट मारी। जिसका लोगों ने विरोध किया। जिसके बाद आरोपी अब्दुल ने अपने 60 से 70 साथियों को बुला लिया और हीरालाल व उनके आसपास के लोगों के घरों पर पथराव प्रारंभ कर दिया। साथ ही घरों में घुसकर मारपीट करने लगे। इस दौरान अराजक तत्वों ने महिलाओं के साथ भी मारपीट की।
ऑप इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना में कई लोग घायल हो गए। जिसके बाद हीरालाल का बेट तेजराम ने घटना का विरोध किया। तो कट्टरपंथियों की भीड़ भीड़ तेजराम पर हमलावर हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तेजराम को कट्टरपंथी गांव की मस्जिद में उठा ले गए और वहां लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से उसे जमकर पीटा। जिसमें वह बुरी तरह से लहूलुहान हो गया। जिसके बाद भीड़ से उसे फेंक दिया। गंभीर हालत में परिजन उसे लेकर बरेली के अस्पताल पहुंचे। जहां तेजराम की 22 जुलाई को मौत हो गई। वहीं, घटना में घायल बाकी लोगों का उपचार जारी है।
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पुलिस ने इस पूरी घटना में 70 आरोपी बनाए हैं। साथ ही पुलिस ने ख्तावर, इशारत, मुकीम, यासीन, युसूफ, इश्तियाक सहित कई आरोपियों के अवैध निर्माण को भी ढहा दिया है। वहीं, अशरफ और आसिफ नाम के दो आरोपियों पर 25-25 हजार का इनाम भी रखा है। साथ ही पुलिस ने इस घटना में भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (2) भी बढ़ा दी गई है।