नई दिल्ली: अंतरिक्ष विज्ञान में भारत अपनी धमक को और बढ़ाएगा। चंद्रयान-3 के सफल परीक्षण के बाद इसरो अब ‘गगनयान मिशन’ पर लग गया है। ISRO अब अंतरराष्ट्रीय स्पेस सेंटर में भारतीय ‘गगनयात्री’ भेजेगा। इसकी जानकारी लोकसभा में पृथ्वी विज्ञान व विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने दी। उन्होंने कहा भारत शीघ्र ही अपना पहला गगन यात्री अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) भेजेगा। यह अभियान नासा, इसरो और निजी स्पेस कंपनी Axiom Space के बीच संयुक्त मिशन होगा। इसको लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और एक्सिओम स्पेस के बीच सहमति पत्र पर साइन हो चुके हैं।
जल्द लॉन्च होगा प्रोजेक्ट
भारत अपना ‘मिशन गगनयान’ शीघ्र लॉन्च कर सकता है। मिशन की लॉन्चिंग अमेरिका फ्लोरिडा राज्य स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हो सकता है। इसको लेकर इसरो, नासा और एक्सिओम स्पेस ने कार्य प्रारंभ कर दिया है। भारत ने गगन यात्री मिशन के लिए वायु सेना के 4 पायलटों का चयन किया है। जिन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है।
मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि इसरो ने 4 वायु सेना के पायलटों को चुना था। इस सभी को रूस अंतरिक्ष यात्रा की बेसिक ट्रेनिंग रूस में दी गई है। वर्तमान में यह सभी बेंगलुरु में अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र में ट्रेनिंग ले रहे हैं। जितेंद्र सिंह ने आगे बताया कि गगनयान प्रशिक्षण कार्यक्रम के तीन में से 2 चरण पूरे हो चुके हैं। अब अंतिम चरण शेष है। साथ ही मानव को स्पेश में ले जाने वाले रॉकेट के कुछ उपकरण भी तैयार हो चुके हैं।
क्या है भारत का गगनयान प्रोजेक्ट
गगनयान प्रोजेक्ट भारत का एक अति महत्वाकांक्षी अभियान है। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की देखरेख में संचालित किया जाएगा। मिशन के तहत तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को, अंतरिक्ष की 400 किलोमीटर की कक्षा में 3 दिनों के लिए भेजा जाएगा। यहां सभी यात्री आवश्यक शोध करेंगे फिर 3 दिनों बाद सभी को सुरक्षित धरती पर त वापस लाएगा। गगनयान मिशन के सफल होते ही भारत उन चंद देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने अंतरिक्ष में अपने यात्री भेजे हैं।
मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि गगनयानयात्रियों को अंतरक्षित तक ले जाने वाली स्पेस व्हीकल, ‘ मानव चलित सॉलिड-लिक्विड प्रोपॉलशन पर आधारित है। जिसका सी32 (C32) क्रायोजेनिक स्टेज 90 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। मिशन गगनयान 2025 तक लॉन्च होने की उम्मीद है। गगनयान मिशन के सफल होते ही भारत उन चंद देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने अंतरिक्ष में अपने यात्री भेजे हैं।