कारगिल युद्ध के खतरनाक मंजर को याद कर वीर भूमि महोबा के सेना में पैरामिलेट्री फोर्स के कमांडो रविंद्र सिंह आज भी रोमांचित हो जाते हैं, जिन्होंने टाइगर हिल पर तिरंगा फहराया था। उन्होंने बताया कि वे 12-12 कमांडो की टुकड़ी में आगे बढ़ रहे थे। उत्तर प्रदेश के कमांडो जगदीश यादव और बालेंद्र सिंह मातृभूमि की रक्षा के लिए दुश्मन को मुहंतोड़ जवाब देते हुए खुद बलिदान हो गए। मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीर भूमि के 2 अमर सपूत काल के गाल में समा गए थे। देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले अमर बलदानियों की गौरव गाथा इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है।
कारगिल युद्ध के विजेता रविंद्र सिंह उस समय याद कर रोमांच से भर गए। 1 अप्रैल 1977 को महोबा में जन्मे रविंद्र सिंह 1997 को 21 पैरामिलेट्री कमांडो फोर्स में भर्ती हुए थे। इससे पहले 5 फरवरी 1996 को उनका चयन राजपुताना रायफल में हुआ था। रविंद्र सिंह फरवरी 2012 में सेना से सेवानिवृत्त हो गए हैं। टाइगर हिल विजेता रविंद्र सिंह बताते हैं कि हम लोग असम जोराहट में तैनात थे। हमें निर्देश मिले कि 250 कमांडो को कारगिल जाना हैं।
अप्रैल 1999 में प्लेन से श्रीनगर, फिर कारगिल और वहां से द्रास सेक्टर पहुंचे। जहां ऊँची पहाड़ियों पर उनकी बटालियन के कमांडो महोबा के जगदीश यादव दुश्मन को जवाब देते हुए आगे बढ़ रहे थे अचानक उनकी पीठ पर एक गोला गिरा और वे बलिदान हो गए। वहीं वीर भूमि के गंज गांव निवासी वीर सपूत बालेंद्र सिंह जम्मू कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में दुश्मन से लोहा लेते हुए देश के लिए बलिदान हो गए थे।
कमांडो रविंद्र सिंह ने बताया कि हम लोगों को निर्देश दिए गए कि 12-12 कमांडों की टुकड़ी में आगे बढ़ो। इसमें भी छह आगे जाते, छह कमांडो उनके थकने पर फिर आगे का मोर्चा संभालते थे। जून माह 1999 में कार्रवाई करते हुए आगे-पीछे कर रेकी करते चल रहे थे। जिसके बाद भी दुश्मन को हमारी प्रत्येक गतिविधि पता चल रहा था। हम पहाड़ियों से चिपक कर चल रहे थे। यदि जरा भी सिर उठ जाता तो हम तुरंत गोली का निशाना बन जाते।
जुलाई में टाइगर हिल किया फतह-
कमांडो रविंद्र सिंह ने बताया कि हमें जानकारी मिली कि टाइगर हिल पर दुश्मन पहले से ही कब्जा जमाए हुए हैं। जिसके चलते हमें टाइगर हिल पर पहुंचने में ढाई दिन लगे। हम दिन में पत्थरों के बीच छिप जाते, रात को मैप के अनुसार बढ़ते। इस बीच कई हमारे कई साथी बलिदान हो गए। हम 24 कमांडो ऊपर पहुंचे थे। जुलाई माह में मिशन कंपलीट कर लिया था। टाइगर हिल पर झंडा फहराने के दौरान कमांडो सत्ते सिंह विष्ट, सुरेंद्र सिंह, ओमवीर सिंह, महावीर व अन्य शामिल रहे थे।
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