सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दू नेता कमलेश तिवारी की हत्या के साजिशकर्ता को जमानत दे दी है। अप्रैल 2024 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सैयद आसिम अली को जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमानत दे दी है। बता दें, कि कमलेश तिवारी हिन्दू समाज पार्टी संगठन के नेता थे। इस्लामी कट्टरपंथियों ने अक्टूबर 2019 में कमलेश तिवारी की क्रूरता से हत्या की थी।
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2021 में लखनऊ से प्रयागराज ट्रांसफर हुआ केस
बता दें कि सैयद आसिम अली पर हत्यारों के संपर्क में रहने और उन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध कराने का आरोप है। सर्वोच्च न्यायालय का मानना है, कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उसे उत्तर प्रदेश के 1986 के गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला नहीं चलाया गया था। जिसके बाद 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को लखनऊ से प्रयागराज ट्रांसफर कर दिया था।
इस्लामी कट्टरपंथियों ने की थी हत्या
बता दें, कि अक्टूबर 2019 में इस्लामी कट्टरपंथियों ने कमलेश तिवारी के दफ्तर में घुस कर उनकी हत्या कर दी थी। उन पर चाकू से कई वार किए गए थे। मोहम्मद मुफ़्ती नईम काज़मी और इमाम मौलाना अनवारुल हक़ ने 2016 में ही उनकी हत्या का फरमान जारी करते हुए इनाम देने की घोषणा की थी। मुस्लिम कट्टरपंथियों का मानना था, कि कमलेश तिवारी ने पैगंबर मुहम्मद का अपमान किया है। हत्या के मामले में 13 आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जाहिर की थी नाराजगी
हिन्दू नेता कमलेश तिवारी की क्रूरता से दिनदहाड़े हुई हत्या मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी। हाईकोर्ट ने माना था, कि सैयद आसिम अली का भी इस हत्याकांड में किरदार है। हत्यारों से उसने घटना से तुरंत पहले कई बार बात की थी। इसके इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी हैं। कमलेश तिवारी की हत्या अशफाक और मोईनुद्दीन ने की थी। बता दें, कि साजिशकर्ता को जमानत देने का फैसला जस्टिस अभय ओका और जस्टिस अगस्टाइन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सुनाया है। इन दोनों ने कहा, कि आरोपित पहले से ही साढ़े 4 वर्ष से जेल में है।