नई दिल्ली: मंगलवार को लोकसभा (Loksabha) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने केंद्रीय बजट 2024 (Buget 2024) पेश किया। सरकार का कहना है कि बजट 9 बिंदुओं को ध्यान में रख कर बनाया गया है। लेकिन, विपक्षी दल मोदी 3.0 सरकार के बजट से संतुष्ट नहीं हैं। इसी के चलते आज बुधवार को विपक्षी गठबंधन के सांसदों ने संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष ने बजट को भेदभावपूर्ण करार दिया। विरोध प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) सहित तमाम बड़े नेता मौजूद रहे।
अखिलेश यादव ने बजट पर साधा निशाना
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट को भेदभाव पूर्ण बताते हुए कहा कि इस बजट से दिखाई दे रहा है कि सरकार कितनी कमजोर है। हम सभी किसानों की फसल का समर्थन मूल्य मांग रहे थे, हम लोग किसान के लिए पैकेज मांगते हैं। लेकिन, सरकार ने किसको पैकेज दिया जो सरकार चलवा रहे हैं। सरकार चलाने के लिए पैकेज मिल रहा है। बिहार (Bihar) और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) को पैकेज मिला हम ये नहीं कहते कि पैकेज नहीं मिलना चाहिए। विकास के लिए पैसा मिले। लेकिन, दूसरे प्रदेशों के साथ भी भेदभाव ना हो। जो एक्सप्रेसवे आप बिहार को दे रेह हैं, उसे अगर यूपी से जोड़ देंगे तो देश का ज्यादा भला होगा। उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव हम स्वीकार नहीं कर सकते हैं। पैकेज INDIA गठबंधन वाले भी तैयार रखे हैं, अगर पैकेज से ही सरकार बननी है तो।
खड़गे बोले बजट में किसी को कुछ नहीं मिला
वहीं,कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजट को लेकर कहा कि यह बजट सिर्फ सहयोगियों को संतुष्ट करने के लिए बनाया गया है। सरकार ने किसी को कुछ नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि यह बजट भारत के बजट जैसा नहीं लगता। उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इस बजट ने संघीय ढांचे को तोड़ा है। विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य बजट से गायब हैं।
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शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने साधा निशाना
शिवसेना (UBT) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Priyanka Chaturvedi) ने बजट भेदभाव पूर्ण करार देते हुए कहा कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों को बजट में नज़रअंदाज़ किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने बजट वाले दिन ‘प्रधानमंत्री महाराष्ट्र विरोधी योजना’ दिखाई दी। महाराष्ट्र सबसे ज़्यादा टैक्स देने वाला राज्य है, फिर भी हमें बदले में अपना हिस्सा नहीं मिलता।