Lucknow News- बताते चलें, कि बीते दिनों हापुड़ जिले में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर असंवैधानिक कार्रवाई करने के मामले में एसपी अभिषेक वर्मा व एएसपी का तबादला कर दिया गया था। वहीं, अब इस घटना को लेकर यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने नाराजगी जाहिर की है। सभी एडीजी जोन और एसपी को निर्देश देते हुए कहा है, कि थानों में सिविल के मामलों को अपराधिक रंग देकर एफआईआर दर्ज की जा रही है। घटना को अंजाम देने वाले जिम्मेदार व्यक्ति के साथ ही पुलिस प्रशासन द्वारा प्रबंधन के लोगों पर भी मुकदमा लिखा जा रहा है। डीजीपी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, कि इस पर तत्काल रोक लगाई जाए।
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गलत तरीके से काम कर रहा यूपी पुलिस प्रशासन
उन्होंने कहा, कि जो मामले सिविल प्रकृति के होते हैं, उन्हें आपराधिक रंग दिया जा रहा है। गलत तरीके से एफआईआर लिखी जा रही है। प्रतिष्ठानों, संस्थानों में कोई आकस्मिक घटना या दुर्घटना होने पर प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार व्यक्तियों के अलावा मैनेजमेन्ट के लोगों को भी नामजद कर दिया जाता है, जिनका उस घटना से कोई सम्बन्ध नहीं होता है।
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उद्यमियों के खिलाफ लिखी जा रही निराधार एफआईआर
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, कि न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करके निर्दोष व्यक्तियों, विशेष रूप से उद्यमियों के खिलाफ निराधार एफआईआर लिखी जा रही है। इस प्रकार की घटनाओं से व्यवसायी यूपी में निवेश करने से हतोत्साहित हो सकते हैं। उन्होंने सभी पुलिस कप्तानों को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश याद दिलाते हुए कहा, कि वैवाहिक व पारिवारिक विवाद, व्यापारिक अपराध, चिकित्सीय लापरवाही के प्रकरण, भ्रष्टाचार के प्रकरण व ऐसे प्रकरण जिनमें एफआईआर दर्ज कराने में अस्वाभाविक देरी हुई, हो तो पूरे मामले की जांच करायी जा सकती है।