झांसी- आयुक्त सभागार में मंगलवार को भूजल सप्ताह (16 से 22 जुलाई 2024) के उपलक्ष्य में घटते हुए भूगर्भ जल पर मंडलीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में मंडल के विभिन्न विभागों के अधिकारियों, भूगर्भ जल विभाग के वैज्ञानिकों, और जल संरक्षण विशेषज्ञों ने भाग लिया। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण की चुनौतियों पर चर्चा करना और उनके समाधान के लिए ठोस रणनीतियां विकसित करना था। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि मंडलायुक्त विमल कुमार दुबे ने जल संरक्षण के लिए गांव स्तर पर कृषक मित्र नियुक्त करने और शिक्षा विभाग के माध्यम से अनवरत रूप से इस मुहिम को छेड़ने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र जोकि पानी की चुनौतियों से जूझ रहा है, उसमें भूगर्भ जल संरक्षण को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। मंडलायुक्त ने ग्राम स्तरीय भूजल संरक्षण समितियों के प्रशिक्षण के लिए एक इंटेंसिव ड्राइव चलाने और युवक मंगल दल, पीआरडी जवानों, तथा नेहरू युवा केंद्र के सदस्यों को कृषक मित्रों के रूप में संगठित करने की बात कही।
जल संरक्षण की नई पहल-
मंडलायुक्त ने बताया कि शिक्षा विभाग को जल संरक्षण पर नियमित गोष्ठियों और कार्यक्रमों के आयोजन का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। बच्चों के माध्यम से घर-घर जल संरक्षण का संदेश पहुँचाने की योजना बनाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया गया है जो बुंदेलखंड की पानी की समस्याओं के समाधान के लिए शॉर्ट टर्म और लांग टर्म प्लान बनाएगा।
विशेषज्ञों के सुझाव-
संगोष्ठी में परमार्थ समाजसेवी संस्था द्वारा जल संरक्षण के कार्यों की सराहना की गई और वर्ल्ड वॉटर कॉउंसिल के सदस्य डॉ. संजय सिंह को उनके विचारों और सुझावों के लिए प्रशंसा मिली। न्यूनतम लागत पर भूगर्भ जल स्तर बढ़ाने वाले काफरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आशाराम को भी बधाई दी गई। भूगर्भ जल विभाग के सीनियर जियोफिजिसिस्ट अंकुर श्रीवास्तव ने तकनीकी रूप से घटते हुए भूगर्भ जल की समस्या को समझाया और बताया कि यदि यही हाल रहा तो 2050 तक पानी की उपलब्धता पर गंभीर संकट आ सकता है।
मंडलायुक्त ने दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया।
विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त आईएएस पीके अग्रवाल ने जल की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जल नष्ट होने पर संसार नष्ट हो जाता है। संगोष्ठी का सफल संचालन उपनिदेशक अर्थ एवं संख्या एसएन त्रिपाठी ने किया। संगोष्ठी के समापन पर सभी को जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई और मंडलायुक्त ने हरी झंडी दिखाकर प्रचार वाहन को रवाना किया।
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