कानपुर- पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश और नरौरा तथा हरिद्वार के बांधों से छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी के चलते कानपुर में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार को गंगा बैराज पर जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर गया, हालांकि, यह अभी भी खतरे के निशान से 51 सेंटीमीटर नीचे बह रहा है। प्रशासन ने इस स्थिति को देखते हुए अलर्ट मोड पर काम शुरू कर दिया है साथ ही घाटों पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है।
साथ ही बाढ़ प्रभावित गांवों में लोगों को सतर्क किया जा चुका है। ACP कर्नलगंज महेश कुमार ने बताया कि कर्नलगंज सर्किल के नवाबगंज, कोहना और ग्वालटोली थाना क्षेत्र के 15 गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। पूरे शहर की बात करें तो 40 से अधिक गांवों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पुलिस और जिला प्रशासन ने अलर्ट मोड पर काम शुरू कर दिया है। गंगा में नहाने पर रोक लगाने के लिए घाटों पर निगरानी बढ़ाई जा रही है।
बैरिकेडिंग करने के साथ ही चौकी प्रभारी और 2 प्रशिक्षु दरोगाओं के साथ टीम को तैनात किया गया है। गंगा में नहाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। रोक के बावजूद अगर कोई बैराज या अन्य जगह नहाते देखा गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। चैनपुरवा, धारमखेड़ा, डिवनीपुरवा, सुखनीपुरवा, नत्थापुरवा आदि गांवों में बाढ़ का सबसे अधिक खतरा माना जा रहा है। इसे देखते हुए वहां के लोगों को सतर्क कर दिया गया है और प्रशासन पूरी तरह से बाढ़ की स्थिति पर नजर रखे हुए है।
बता दें कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से कानपुर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने एहतियात तौर पर सभी जरूरी कदम उठाए हैं। पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें घाटों और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं और लोगों को सतर्क किया गया है। प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
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