राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर विवादित नारे के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इस मामले में अजमेर कोर्ट ने मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती और 5 अन्य को बरी कर दिया है।
बता दें कि साल 2022 में पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाने वाले दरगाह के मौलवी सैयद गौहर हुसैन चिश्ती को साल 2022 में हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था।
मंगलवार को ख्वाजा मोइनुद्दीन दरगाह के बाहर इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय अजमेर में सुनवाई हुई। जिसके बाद कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। अब इस फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता ऊपरी कोर्ट का रुख कर सकते हैं।
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क्या है पूरा मामला ?
जून 2022 में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें गौहर चिश्ती और अन्य लोग अजमेर दरगाह के मुख्य द्वार पर नूपुर शर्मा के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाते नजर आए थे। वीडियो में गौहर चिश्ती को नूपुर शर्मा के खिलाफ ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाते हुए देखा गया था। बता दें कि नूपुर शर्मा एक टेलीविजन बहस के दौरान टिप्पणी करके सुर्खियों में आ गईं थीं। बीजेपी द्वारा निलंबित की गईं नूपुर शर्मा ने कई बार धमकियां मिलने की शिकायत की थी।
आरोपी गौहर चिश्ती को पकड़ने के लिए अजमेर पुलिस ने हैदराबाद पुलिस से सहायता ली थी। हैदराबाद में पुलिस टीम को देखकर गौहर ने भागने की भी कोशिश की थी। पुलिस ने गौहर के अलावा उसे आश्रय देने के आरोप में अमानुतल्लाह उर्फ मुन्नावर को भी पकड़ा था।