Prayagraj News- प्रयागराज में जनवरी 2025 में कुम्भ मेला की शुरुआत होने जा रही है। मेला की शुरुआत से पहले महिला परी अखाड़े ने शाही स्नान का समय दिए जाने की मांग की है। स्थापक व महिला संत त्रिकाल भवंता ने कहा, कि नारियों को सशक्त बनाने के लिए परी अखाड़े को भी अन्य अखाड़ों की तरह ही शाही स्नान के लिए अलग घाट और समय दिया जाना चाहिए। अखाड़े का दावा है, कि इस बार कुंभ में 25 हजार महिला संत देश भर से भाग लेने पहुंच रही हैं।
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2013 में हुई थी महिला परी अखाड़ा की स्थापना
बताते चलें, कि महिला परी अखाड़ा की स्थापना 2013 में की गई थी। जिसके बाद से अखाड़ा की तरफ से महिला संतो को महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर की पदवी दी जा चुकी है। इसकी स्थापक संत त्रिकाल भवंता ने बताया, कि परी अखाड़े से जुड़ी महिला संतो के लिए शाही स्नान के साथ ही उन्हें अखाड़े के रूप में मान्यता दी जाए। उन्होंने बताया, कि हरिद्वार, नासिक और उज्जैन के कुम्भ मेला में परी अखाड़ा को सरकार की तरफ से कई सुविधाएं दी गई थीं, लेकिन उन्हें शाही स्नान करने की सुविधा नहीं मिली।
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पीएम मोदी और सीएम योगी से जताई उम्मीद
संत त्रिकाल भवंता का कहना है, कि नारियों को मजबूत करने और सशक्त बनाने की बात करने वाली भाजपा सरकार महिला संतो का सम्मान करेगी और उन्हें आगामी कुम्भ में उनका हक जरुर मिलेगा। शाही स्नान का समय देने के अलावा उनके लिए अलग घाट की व्यवस्था भी किए जाने की मांग की गई है।
25 हजार महिला संतों के आने का दावा
आचार्य महामंडलेश्वर डॉ रेखामणि परी जी महाराज ने कहा, कि वो अपने अखाड़े की संस्थापक महिला शंकराचार्य त्रिकाल भवंता के साथ मिलकर महिला संतों को उनका हक दिलाने के लिए पूरा प्रयास करेंगी। उन्होंने कहा, कि 2025 के महाकुम्भ में परी अखाड़े में देश भर से 25 हजार से अधिक महिला संत आएंग। जिनके रहने और स्नान के लिए बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए उनकी तरफ से अभी से ही योजना बनायी जा रही है। उन्होंने सरकार और मेल प्रशासन से महिला संतों को भी पुरुषों और किन्नर अखाड़े के जैसी व्यवस्था दिए जाने की मांग की है।