इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया तक अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी की चर्चा हो रही है। इस शादी में देश-दुनिया की शायद ही कोई ऐसी सेलिब्रेटी हो जो ना पहुंची हो। फिल्म जगत, उद्योग जगत, क्रिकेट और आध्यात्मिक क्षेत्र से ऐसी तमाम हस्तियां थीं, जो नवदम्पति को आशीर्वाद देने पहुंचीं थीं।
इसी क्रम में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी पहुंचे थे। पीएम मोदी ने शंकराचार्य से आशीर्वाद भी लिया था। जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। चूंकि, राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पीएम मोदी पर कई कटाक्ष किए थे, जिसके बाद भी पीएम मोदी ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसको लेकर पत्रकारों ने जब शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से प्रश्न किया तो उन्होंने ने प्रतिक्रिया दी है।
अनंत-राधिका की शादी में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के पीएम मोदी के छुए थे पैर, वीडियो वायरल होने पर क्या बोले शंकराचार्य!#AnantRadhika #PMModi #Shankracharya pic.twitter.com/kpWsGLiLfy
— LIVE_UPToday (@LIVEUPToday) July 16, 2024
क्या बोले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद?
पीएम मोदी से अपनी मुलाकात पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि उन्होंने मेरे पास आकर प्रणाम किया था। यह हमारा नियम है कि जो भी हमारे पास आएगा, हम उसे आशीर्वाद देंगे। नरेंद्र मोदीजी हमारे दुश्मन नहीं हैं। हम उनके शुभचिंतक हैं और हमेशा उनकी भलाई के लिए बोलते हैं। अगर वो कोई गलती करते हैं तो हम उन्हें बताते भी हैं।
सनातन धर्म में शंकराचार्य का क्या महत्व है?
सनातन धर्म में भगवान के बाद शंकराचार्य का पद सर्वोच्च माना जाता है। उन्हें पृथ्वी पर ईश्वर का प्रतिनिधि मानकर पूजा की जाती है। इस परंपरा की शुरुआत आदि शंकराचार्य ने की थी। उन्होंने भारत के चारों कोनों पर एक-एक मठ का स्थापना की थी। उत्तर के बद्रिकाश्रम का ज्योर्तिमठ, दक्षिण में शृंगेरी पीठ, पूर्व में जगन्नाथपुरी का गोवर्धन मठ और पश्चिम में द्वारका का शारदा मठ है। इस चारों मठों के अलग-अलग शंकराचार्य होते हैं।