Varanasi News- बेटे और बहु की प्रताड़ना से परेशान बुजुर्ग माता-पिता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमा जीत लिया है। कोर्ट के आदेश के बाद बुजुर्ग माता-पिता को उनका घर उन्हें वापस मिल गया है। साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं। बता दें, कि दोनों बेटे और बहु आए दिन बुजुर्ग माता-पिता को प्रताड़ित करते थे। जिसके बाद उन्होंने न्यायालय की शरण ली।
यह भी पढ़ें- बागपत- बीजेपी नेता पर जानलेवा हमला, ठेकेदारी में पैसों के लेन-देने से जुड़ा है मामला
माता-पिता की दर्दभरी दास्तां
वाराणसी में प्रोफेसर विनोद पांडेय और उनकी पत्नी तारा पांडेय की दांस्ता बेहद दर्दभरी है। विनोद पांडेय बताते हैं, कि 16 साल तक अहमदाबाद के गुजरात विद्यापीठ में वह पत्रकारिता के प्रोफेसर थे। 2022 में रिटायर होने के बाद वे वापस अपने घर वाराणसी आ गए। यहां पर उनके दो बेटे अपने परिवार के साथ रहते थे। एक बेटा दिल्ली में पत्रकार है। उनके वापस आने के कुछ दिन बाद ही बेटे और उसकी पत्नी का व्यवहार बदलने लगा। छोटी-छोटी बात पर घर में मारपीट लड़ाई-झगड़ा होने लगा। उन्होंने बताया, कि हम पति-पत्नी एक कमरे में रहते थे। कई बार तो ऐसा होता था, कि लड़ाई के बाद उनको खाना भी नहीं दिया जाता था।
बहु-बेटे की मार से मां हुई जख्मी
विनोद पांडेय ने बताया, कि इस मामले को लेकर 2022 में वाराणसी पुलिस कमिश्नर से शिकायत की थी। पुलिस घर पर आई और बेटों को समझाने की कोशिश की। इसके बाद भी उनको परेशान किया जाता रहा, फिर सभी को पुलिस थाने पर बुलाया गया। उस वक्त पुलिस ने समझौता करवा दिया था। कुछ दिनों बाद फिर से लड़ाई-झगड़ा होने लगा। तारा पांडेय बताती हैं, कि मारपीट के दौरान उनकी पसली टूट गई थी। जिसके बाद उसका इलाज करवाने के लिए उन्हें बाहर जाना पड़ा।
यह भी पढ़ें- लखनऊ- 12 जुलाई को हुई किडनैपिंग में 4 आरोपी गिरफ्तार, Online सेक्स रैकेट से जुड़ा है मामला
प्रताड़ना से पीडित बुजुर्ग दम्पत्ति ने न्यायालय की ली शरण
विनोद पांडे बताते हैं, कि बेटे-बहूओं की हरकतों परेशान होकर जून 2024 में हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। कोर्ट ने वाराणसी पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी से पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की। कोर्ट में सुनवाई शुरु हुई और हाई कोर्ट के निर्देश पर 9 जुलाई को 5 घंटे के अंदर पुलिस प्रशासन ने मकान को खाली करवा कर हमें वापस कर दिया गया।