Prayagraj News- साल 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ में अखाड़ों ने ढोंगी बाबाओं के खिलाफ अभियान चलाना शुरु कर दिया है। अखाड़ा की ओर से यह निर्णय किया जा रहा है, कि इस बार महाकुंभ में ढोंग करने वाले बाबाओं को मेले में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें- मेरठ- 22 जुलाई से होगी कांवड़ यात्रा की शुरुआत, शिवभक्तों की स्वास्थ्य सेवाओं में 93 चिकित्सक रहेंगे तैनात
फर्जी बाबाओं के आने पर रहेगी रोक
श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के महंत दुर्गादास ने कहा, कि इसके लिए सूची तैयार करनी शुरु कर दी गई है। ऐसे लोगों का बहिष्कार किया जाएगा, जो भोली भाली जनता को ठगने का काम करते हैं। वहीं, किन्नर आखड़े की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी कहती हैं, कि फर्जी बाबा संत की छवि को खराब कर रहे हैं। उन पर अंकुश लगाने के लिए अखाड़ा परिषद के साथ मिलकर ऐसे फर्जी बाबाओं पर रोक लगाई जाएगी। ऐसे बाबाओं को कुंभ में नहीं आना चाहिए। बता दें, कि 2025 जनवरी से महा कुंभ प्रारंभ हो रहा है। मेले में अखाड़े श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होते हैं, क्योंकि केवल कुंभ मेले के दौरान इनका प्रवेश होता है, इसलिए उनका महत्व और भी बढ़ जाता है। मेले में तमाम संतों-महंतों का भी शिविर लगता है, जिसमें भारी संख्या में लोग प्रवचन सुनने के लिए इकट्ठा होते हैं।
यह भी पढ़ें- कांवड़ यात्रा को लेकर हरिद्वार प्रशासन की नई पहल, कावड़ियों को मिलेगी QR कोड की सुविधा, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर!
कर्मचारियों की होगी डिजिटल अटेंडेंस
बताते चलें, कि योगी सरकार ने महाकुम्भ मेला 2025 के आयोजन के दौरान ड्यूटी करने वाले विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की डिजिटल अटेंडेंस लेने की तैयारी कर ली है। जिसके लिए कर्मचारियों की हाजिरी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम से होगी। इसके लिए एआई बेस्ड फेशियल रिकग्नीशन मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा। इस ऐप के जरिए कर्मचारियों के चेहरे की पहचान कर डिजिटल हाजिरी होगी। महाकुंभ मेले के दौरान मेला क्षेत्र और प्रयागराज में कार्यरत अलग-अलग सरकारी विभागों के कर्मचारियों को इस ऐप से जोड़कर हाजिरी ली जाने की तैयारी है।