Lucknow News- 1 जुलाई से देश में 3 नए कानून लागू हो चुके हैं। इस सत्र से कानून की पढ़ाई में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल किया जाएगा। इसको लेकर बार काउंसिल आफ इंडिया ने देश के सभी विश्वविद्यालय को स्पष्ट निर्देश भेजे हैं, कि नए कानून के साथ ही पुराने कानून की भी पढ़ाई पाठ्यक्रम में नए सत्र से शामिल रखें। इससे छात्रों को दोनों कानून की जानकारी मिलेगी। ताकि, पुराने मुकदमो की सुनवाई करने में नए वकीलों को ज्यादा दिक्कत न हो।
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पिछले सत्र के छात्रों को अपडेट किया जाएगा
बताते चलें, कि देश में 3 नए कानून लागू होने के बाद से बार काउंसिल आफ इंडिया ने कानून की पढ़ाई करवाने वाले सभी कॉलेज और विश्वविधायलों को नए कानूनों के साथ पुराने कानूनों को भी पढ़ाई में शामिल रखने के आदेश दिए हैं। आदेश में कहा गया है, कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 पढ़ चुके छात्रों को भी अपडेट किया जाए, इसके लिए विश्वविद्यालय में अलग से वर्कशॉप और एक्स्ट्रा क्लासेस लगाई जाएं।
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लखनऊ विश्वविद्यालय में शुरु हुआ आदेश का पालन
बार काउंसिल आफ इंडिया से मिले आदेश के बाद से लखनऊ विश्वविद्यालय के फैकेल्टी आफ लॉ में नए कानून के साथ ही पुराने कानून को भी सिलेबस में रखा गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया, कि नए कानून को लेकर विभाग को पहले से ही तैयारी करने के निर्देश दिए गए थे। बार काउंसिल की तरफ से सिलेबस को अपडेट करने के निर्देश मिले हैं, उसके अनुसार सिलेबस को अपग्रेड किया जा रहा है।
एक्सपर्ट को बुलाकर टीचर्स की ट्रेनिंग
प्रोफेसर राय ने बताया कि नए सत्र से कानून की पढ़ाई शुरु होगी। वहीं, आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट के पुराने छात्रों को विश्वविद्यालय में अलग से वर्कशॉप और ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रोफेसर एन बी सिंह ने बताया, कि शिक्षकों को नए कानून के बारे में ट्रेनिंग कराई जा रही है। कोर्स भी अपडेट किया जा रहा है। जल्द ही बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक में नया सिलेबस पास कराया जाएगा। डॉ राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अमरपाल सिंह ने बताया, कि नए कानून में बदलाव के अनुसार एक्सपर्ट को बुलाकर टीचर्स की ट्रेनिंग की प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। 22 जून को एकेडमिक काउंसिल से नए कोर्स को भी पास करवा लिया गया है।