इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन बीते 2-3 दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है। इस बीच एसोसिएशन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए हाईकोर्ट में किसी भी केस की सुनवाई के दौरान जजों को ‘माई लॉर्ड’ या ‘योर लॉर्डशिप’ नहीं, बल्कि सर कहने का फैसला लिया है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बुधवार को एक बैठक कर चीफ जस्टिस और कई सीनियर जजों के सामने अपनी बातें रखी, लेकिन बात नहीं बनी, जिसके बाद ये हड़ताल जारी रही। इसके बाद अब बार एसोसिएशन लामबंद हो गया है।
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इन मुद्दों को लेकर हड़ताल पर है बार एसोसिएशन
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में यूपी के सभी शहरों से पैरवी के लिए लोग आते हैं, लेकिन तारीख नहीं लगने और सुनवाई ना होने के चलते लोग परेशान हैं। हालांकि, वकीलों के कार्य बहिष्कार के बाद भी जज अपने-अपने कोर्ट में बैठे, लेकिन वकीलों की अनुपस्थिति के कारण वो अपने-अपने चैम्बर्स में वापस चले गए।
वकीलों का कहना है कि कोर्ट में उनसे दुर्व्यवहार होता है। ऐसे में कोर्ट के कामकाज में परेशानी खत्म होनी चाहिए। साथ ही वकील रिवाइज करने की पुरानी पद्धति को न मानना, हाईकोर्ट रूल्स में बिना संशोधन मनमाने ढंग से फाइलिंग व रिपोर्टिंग की प्रक्रिया में बदलाव करना और एडवोकेट रोल से संबंधित मांगे गए डेटा को देने से इनकार करने जैसे मुद्दों को लेकर हड़ताल पर हैं।